घटते हुए उर्जा संसाधनों को देखते हुए एक तरफ सरकार जहां रिन्यूएबल रिसोर्सेज़ पर रिर्सज जारी है वहीं सरकार बायोगैस को लेकर भी तरह-तरह की योजनाओँ को प्रोत्साहन दे रही है. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गाय के गोबर से बायोगैस और सीएनजी निर्माण की तैयारी चल रही है. इस मुद्दे को लेकर प्रशासन और नगर निगम तेजी से काम कर रहे हैं. फिलहाल पीपीपी मॉडल का प्रसताव पास कर दिया गया है
इतना होगा फायदाः
इस बारे में नगर निगम के बताया कि बायोगैस और सीएनजी का निर्माण पीपीपी मॉडल के आधार पर किया जायेगा. इस मॉडल के प्रस्ताव को प्रशासन द्वारा पास कर दिया गया है.नगर निगम ने बताया कि बायोगैस और सीएनजी से 25 से 30 लाख रूपये के औसतन लाभ हो जायेगा. गोबर की पूर्ति के लिये गायों की जरूरत पड़ेगी जिससे पशुपालकों को भारी मुनाफा होगा.
इस तरह तैयार किया जायेगा प्रोजेक्टः
इस काम में प्राइवेट पार्टी का काम राजस्व शेयरिंग मॉडल में निवेश करना होगा. जबकि महाराष्ट्र और फिरोजाबाद की 3 कंपनियां इसमें भाग लेंगी. अनुमान के मुताबिक 2020 के अंत तक ये काम शुरू हो चुका होगा.
देसी और लघु उद्योग को होगा फायदाः
प्रदेश के साथ केंद्र सरकार लगातार छोटे उद्योग को बढ़ावा देने के लिए तरह-तरह के कदम उठा रही है. इससे पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी गाय के गोबर से बना साबुन लॉन्च कर चुके हैं. इतना ही नहीं बांस की बनी पानी की बोतलें भी सरकार पेश कर चुकी है. बांस की बोतल इस समय ई बिजनेस और ई मार्केट में धूम मचा रही है. बता दें कि गाय के गोबर और गोमूत्र से जुड़े स्टार्टअप पर सरकार 60 प्रतिशत फंडिंग भी दे रही है.