26 जनवरी हर भारतीय के लिए एक गौरव का दिन है. इस बार गणतंत्र दिवस पर स्वदेशी कलाकृतियों (Swadeshi) का रंग चढ़ने वाला है. जी हां, गाय का गोबर से ग्रामीणों को आर्थिक मजबूत बनाने वाली छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay Scheme of Chhattisgarh) की सफलता की मिसाल इस बार गणतंत्र दिवस परेड (Republic Day Parade 2022) में देखने को मिलेगी. खास बात यह है कि पीएम नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और सभी विदेशी मेहमान इस सफलता के गवाह होंगे.
स्वदेशी झांकी की मिलेगी झलक (Will get a glimpse of the indigenous tableau)
दरअसल, गणतंत्र दिवस पर निकलने वाली परेड में छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना की झांकी को शामिल किया गया है. रक्षा मंत्रालय की उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति ने प्रदेश की झांकी को हरी झंडी दे दी है.
बता दें कि समिति ने इसे स्वतंत्रता के 75 वर्ष (75 years of independence) पूरे होने पर बनाया गए थीम के तहत चुना है.
झांकी के लिए 12 राज्यों को मिली हरी झंडी (12 states got green signal for tableau)
इस बार सिर्फ 12 राज्यों को राजपथ पर अपने राज्य की झांकी दिखाने का मौका मिला है. गोधन न्याय योजना मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) की एक सफल और महत्वाकांक्षी योजना है.
संसद की स्थायी समिति ने इस योजना को पूरे देश में लागू करने की सिफारिश की है. राज्य की यह झांकी ग्रामीण संसाधनों के उपयोग के लिए पारंपरिक ज्ञान और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के तालमेल से एक साथ कई वैश्विक चिंताओं को दूर करने के विकल्प पेश करेगी.
क्या है गोधन न्याय योजना और इसका लक्ष्य (What is Godhan Nyay Yojana & its goal)
यह योजना छत्तीसगढ़ के साढ़े सात हजार से अधिक गौठानों में 2 रुपये प्रति किलो की दर से गाय का गोबर (Cow Dung) खरीदकर स्वयं सहायता समूहों (SHG) के माध्यम से विभिन्न उत्पाद बनाने में है.
इसे स्थानीय स्तर पर स्वच्छता, जलवायु परिवर्तन और रोजगार (Employment and strengthen the rural economy) के वैकल्पिक साधन उपलब्ध कराने के लक्ष्य से शुरू किया गया है. इस योजना को पूरे देश में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के विकल्प के रूप में माना जा रहा है.
गणतंत्र दिवस 2022 की झांकी में ये है खास (This is special in the tableau of Republic Day 2022)
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झांकी के पहले भाग में ग्रामीण महिलाओं को गाय का गोबर इकट्ठा करते हुए और उन्हें गोठान के लिए संग्रह केंद्रों पर बिक्री के लिए ले जाते हुए दिखाया जाएगा.
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ये महिलाएं पारंपरिक आदिवासी परिधानों में हाथ से बने कपड़े और आभूषण पहने होंगी.
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इनमें से एक महिला को गाय के गोबर से उत्पाद तैयार करते हुए बाजार में बिक्री के लिए ले जाते हुए दिखाया जाएगा.
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गौठानों में सब्जियों और फूलों की खेती (Vegetable and flower cultivation in Gothans) के प्रतीक महिलाओं के चारों ओर फूलदान सजाए जाएंगे.
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सबसे नीचे गाय के गोबर से बने दीये सजाए जाएंगे.
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खास बात यह है कि ये दीये ग्रामीण महिलाओं के जीवन में आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास को दर्शाएंगे.
आर्थिक विकास की भी होगी झलक (There will also be a glimpse of economic development)
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झांकी के पिछले हिस्से में गोथन को ग्रामीण औद्योगिक पार्क (Rural Industrial Park) के रूप में विकसित होते दिखाया जाएगा.
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यह दिखाएगा कि कैसे महिलाएं नई तकनीकों और मशीनों का उपयोग करके अपनी खुद की उद्यमिता विकसित कर रही हैं.
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वहीं केंद्रीय भाग दिखाएगा कि कैसे ग्रामीण अर्थव्यवस्था के केंद्र में गाय को रखकर पर्यावरण संरक्षण, जैविक खेती, पोषण, रोजगार और आय वृद्धि के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा रहा है.
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अंत में, ग्रामीण महिला चित्रकला को राज्य के पारंपरिक शिल्प और कला के विकास के प्रतीक के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा.