आज के समय में किसान अपनी आय को दोगुना करने के लिए खेतीबाड़ी के साथ-साथ पशुपालन का कार्य भी करते है, तो वहीं किसानों के हित के लिए केंद्र और राज्य सरकारें भी कई सरकारी योजनाएं चलाती हैं, ताकि पशुपालन को और भी बढ़ावा दिया जा सके.
इसी कड़ी में पशुपालन करने वाले किसानों के लिए एक बेहद अच्छी खबर है. दरअसल मध्य प्रदेश सरकार ने दूध के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान की एक नयी तकनीक सेक्स स़ाटेर्ड सीमन चालू की है. जिससे गाय और भैंसों में सिर्फ बछिया या पडियों का ही जन्म होगा. क्या है इस तकनीक की खासियत आइये जानते हैं इस लेख में-
सेक्स सॉर्टेड सीमन (Sex Sorted Semen)
सेक्स स़ाटेर्ड सीमन एक ऐसी तकनीक है जो पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान के लिए चालू की गई है. इस तकनीक से गाय और भेंस को बछिया या पडियों का जन्म किया जायेगा. इस तकनीक से मादा पशुओं की संख्या बढ़ेगी एवं संख्या बढ़ने से दुग्ध उत्पादन में भी बढोत्तरी होगी.
घर-घर जा कर रहे एआई (AI Going Door To Door)
पशुओं की अच्छी नस्ल सुधार एवं दुग्ध उत्पादन में बढ़ोत्तरी के लिए वैज्ञानिक तकनीक सेक्स स़ाटेर्ड सीमन लाई गई है. जिसका उपयोग पशुपालन विभाग के पशु चिकित्सा सहायक व पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी अपने क्षेत्र के पशु चिकित्सालय, औषधालय व कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र एवं उस क्षेत्र के उन्नत किसानों के यहां घर-घर जाकर भी सेक्स साटेर्ड सीमन से तकनीक से एआई कर रहे हैं.
कितना शुल्क है (How Much is The Fee)
सरकार द्वारा चालू की गई इस तकनीक से एआई कराने के लिए अलग-अलग वर्गों से अलग-अलग शुल्क लिया जा रहा है, जिसमें सामान्य व पिछडा वर्ग के पशुपालकों के लिए 450 रुपए लगेगा एवं अनु जाति व जनजाति वर्ग के पशुपालकों से 400 रुपए का शुल्क लिया जायेगा. इस तकनीक से जितने भी पशुओं में एआई की जाएगी, उस पशु व उससे उत्पन्न पशु का बच्चा का युआईडी टैग चिन्हित कर जानकारी इनार्फ साफ्टवेयर पर अपलोड कर दी जाएगी.
तकनीक से लाभ (Benefit From Technology)
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इस तकनीक से किसानों को दुग्ध उत्पादन में बढ़ोत्तरी होगी.
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इस तकनीक से मादा पशुओं की बढ़ोत्तरी होगी, जिससे दूध का उत्पादन भी बढेगा.
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इस तकनीक से दुधारू पशुओं की संख्या बढ़ेगी.
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इस तकनीक से किसानों की आय में इजाफा आयेगा.
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