Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर खीरी के बहुचर्चित तिकुनिया हत्या मामले में कोर्ट ने अशीष मिश्रा समेत 14 आरोपियों पर आरोप तय कर दिए हैं. कोर्ट ने सभी आरोपियों पर हत्या का प्रयास करने समेत कई गंभीर धाराओ में आरोपी बनाया है.
इस मामले में केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा मुख्य आरोपी है. इस हिंसा में चार किसानों सहित 8 लोगों की मौत हो गई थी.
एक दिन पहले हुई थी आरोपियों की एप्लिकेशन खारिज
कोर्ट ने एक दिन पहले ही यानी 5 दिसंबर को आशीष मिश्रा के अलावा 13 अन्य आरोपियों की डिस्चार्ज एप्लिकेशन को खारिज कर दिया था. इन आरोपियों ने कोर्ट में याचिका के जरिए अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि हम घटना में शामिल नहीं थे. इसलिए हम पूरी तरह निर्दोष हैं, लेकिन कोर्ट ने आरोपियों की याचिका को खारिज कर दिया है.
इन धारों में आरोपियों पर आरोप तय
मिली जानकारी के मुताबिक एडीजे फर्स्ट सुशील श्रीवास्तव की कोर्ट में धारा 147, 148, 149, 326, 30, 302, 120 B, 427 और धारा 177 में आरोप तय किए हैं. सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त आधार पाए गए हैं. इसके अलावा आरोपी सुमित जायसवाल के खिलाफ धारा 3/25, आशीष मिश्र, अंकितदास, लतीफ व सत्यम पर धारा 30, नन्दन सिंह विष्ट पर धारा 5/27 का भी आरोप तय हुआ है.
जानें क्या था पूरा मामला
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले में 3 अक्टूबर 2021 को केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान सड़क पर उतर आए थे, किसानों का आरोप है कि केंद्रीय मंत्री और स्थानीय सांसद अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने विरोध कर रहे किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी. इसके बाद हिंसा हुई थी और इस हिंसा में चार किसान समेत कुल आठ लोगों की मौत हो गई थी.
यूपी चुनाव के बाद मिल गई थी जमानत
वहीं यूपी विधानसभा चुनाव के बाद कोर्ट ने आशीष मिश्रा को जमानत दे दी थी और आशीष मिश्रा जेल से बाहर आ गया था. जमानत होने पर आशीष मिश्रा की रिहाई का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और सर्वोच्च न्यायालय ने जमानत रद्द करते हुए ये केस इलाहाबाद हाईकोर्ट में नए सिरे से विचार के लिए भेज दिया था. इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत याचिका रद्द कर दी थी. जमानत याचिका खारिज होने के बाद आशीष मिश्रा मोनू ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. लेकिन उसे सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली.