दिन-ब-दिन मजदूरों की कमी एवं उनका बढ़ता वेतन देखते हुए, गन्ने की खेती जैसे उन्नत कृषि व्यवसायों में यंत्रीकरण का होना समय की मांग हैं. इस बात को समझकर नेटाफिम इरिगेशन कंपनी ने चीनी के कारखानों के लिए गन्ना रोपाई यंत्र तथा पूर्ण गन्ना काटने का यंत्र उपलब्ध कराना निश्चित किया है.
इसमें से गन्ना रोपाई यंत्र का उपयोग 2015 से महाराष्ट्र में हो रहा है. इसका सफल परिक्षण 450 एकड़ क्षेत्र पर किया गया है. खेती में आधुनिकता को बढ़ावा देने के लिए नेटाफिम कंपनी के वितरकों द्वारा राज्य में 14 यंत्र उपलब्ध किये जाएंगे.
यह गन्ना रोपाई यंत्र एक बार में एक ही नाली में बोने का काम करता हैं, जिसके चलते किसान अपने मन से दो पंक्तियों के बीच 4, 5 तथा 6 फीट की दूरी रख सकता है. यह यंत्र 45 एच.पी. ऊर्जा से किसी भी प्रकार की जमींन पर अच्छे से चलाया जा सकता. है इस यंत्र के माध्यम से दो पौधों के बीच की दूरी 1.5 फीट से 2 फीट तक रखी जा सकती है.
इसके साथ साथ पौधों की गहराई भी नियंत्रित करना संभव हो जाता है. इस यंत्र की सहायता से गन्ने की खेती (Sugarcane Farming) के लिए पौध और साथ-साथ सतह के ठीक नीचे के अंदरूनी टपक सिंचाई लॅटरल्स फैलाए जा सकते हैं. इस यंत्र में एम्एस पाइप की फ्रेम होती है, जिसमें पौधों को रखा जा सकता है. एक जगह पर बैठकर मजदूर गोल-गोल घुमने वाले ड्रम में पौध छोड़ने का काम कर सकता है. यह पौध एक निश्चित गहराई में गिरने के बाद उस पर मिटटी चढ़ाई जाती हैं. इस यंत्र से गन्ने की रोपाई के लिए कुल 6 मजदूरों की जरुरत होती हैं.
1 टैक्टर ड्राईवर , 1 मजदूर पौध छोड़ने के लिए, 1 मजदूर टपक बूँद लॅटरल्स फैलाते समय निगरानी के लिए और नाली के आखरी छोर पर सही दूरी पर लॅटरल्स को काटने के लिए तथा जरुरत के हिसाब से पौधों को लाकर फ्रेम पर रखने के लिए 4 महिला मजदूरों की जरुरत होती हैं. खेती की जुताई सही ढंग से होने के बाद एक दिन में मतलब आठ घंटों में इस यंत्र की सहायता से 5 एकड़ रोपाई की जा सकती हैं.
2015-16 वर्ष में इस यंत्र की सहायता से कठापूर गाँव में प्रयोगात्मक आधार पर 10 एकड़ खेत में श्री. पोरवाल क्षेत्र के खेत में कूल 225 एकड़ एवं श्री. चाफळकर के तारडगाव क्षेत्र के खेत में 50 एकड़ रोपाई सफलतापूर्वक की यह रोपाई सतह की तथा सतह के नीचे की टपक सिंचाई के नीचे 5 फीट की दूरी पर को 86032 एवं को.एम.0265 इन गन्ना पौध के सहायता से पूरी की गई.
इन सभी जगहों पर जिंदा पौधों की मात्रा 96 प्रतिशत से अधिक दिखाई दी गई हैं. खेत में वास्तव में परिक्षण करने पर 2-5 एकड़ अर्थात एक हेक्टेयर की रोपाई पूरी करने के लिए 4 घंटे और 5 मिनट का समय लगा.परंपरागत विधि से मजदूरों की मदद से गन्ने के टुकड़ों से रोपाई करने के लिए प्रति एकड़ कुल 4300 रुपयों की लागत आवश्यक होती हैं.
इसमें नालियां छोड़ने के लिए 1500 रु, खेत में नालियों का तथा पानी आदि व्यवस्था की रुपरेखा बनाने के लिए 750 रुपयों की लागत, तने प्लांट से तनों की कटाई करने के लिए 300 रु, तने विधि के लिए 200 रु, तनों को छिलना, तोड़ना तथा खेतों तक ले जाने का खर्च 1800 रु आदि का समावेश होता हैं. मजदूरों की सहायता से पौध रोपाई करने के लिए कुल लागत 320 रु होती है. इसमें नालिया छोड़ने के लिए 1500 रु नालियों और पानी व्यवस्था के लिए रूपये 750, महिला मजदूरों की सहायता से रोपण के लिए 1200 रुपयों का समावेश होता हैं.
गन्ना पौध रोपाई यंत्र की सहायता से रोपाई के लिए प्रति एकड़ 2930 रुपयों की लागत होती हैं. जिसमें से 2400 रु ट्रैक्टर और रोपाई यंत्र की मूल्य-हास तथा मजदूरों पर 530 रुपयों का खर्च होता हैं.
इसका अर्थ हैं, टुकड़ों से रोपाई करने पर प्रति एकड़ 1370 रु की अर्थात 31 प्रतिशत तथा मजदूरों द्वारा पौध रोपण करने पर होने वाले खर्च की तुलना की जाए तो 270 रुपयों की अर्थात 8 प्रतिशत की बचत होती है.
गन्ना पौध की सहायता से रोपाई करने से बीजों और मजदूरों पर की गई लागत पर बचत, उत्पादन में होने वाली 15 से 20 प्रतिशत वृद्धि ध्यान में लेते हुए, पौध रोपाई एवं टपक बूंद सिंचाई लॅटरल्स को एक ही साथ बिछाने की सुविधा को मद्देनजर रखते हुए गन्ना रोपाई यंत्र का उपयोग अपरिहार्य हो गया है. इस विषय के सन्दर्भ में प्रौद्योगिकी की सम्पूर्ण जानकारी एवं सम्पूर्ण सहयोग नेटाफिम कंपनी की ओर से वितरकों द्वारा मुहैया कराया जाएगा.