Mahindra Tractors ने अप्रैल 2024 में बेचे 37,039 ट्रैक्टर्स, निर्यात बिक्री में 23% की वृद्धि Mandi Bhav: गेहूं की कीमतों में गिरावट, लेकिन दाम MSP से ऊपर, इस मंडी में 6 हजार पहुंचा भाव IFFCO नैनो जिंक और नैनो कॉपर को भी केंद्र की मंजूरी, तीन साल के लिए किया अधिसूचित Small Business Ideas: कम लागत में शुरू करें ये 2 छोटे बिजनेस, सरकार से मिलेगा लोन और सब्सिडी की सुविधा एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्ल, जानें पहचान और खासियत
Updated on: 4 March, 2020 5:15 PM IST

औषध विभाग ने चीन में फैले कोरोनावायरस को ध्यान में रखते हुए देश में औषध सुरक्षा के मुद्दे के हल के लिए केन्द्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के संयुक्त औषध नियंत्रक डॉ. एश्वारा रेड्डी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है. समिति ने अपनी रिपोर्ट में, कहा है कि एपीआई का वर्तमान स्टॉक फार्मूले के आधार पर उसे उपयुक्त तरीके से तैयार करने और सिफारिशें देने के लिए 2 से 3 महीनों के लिए पर्याप्त हो सकता है. समिति ने आगे कहा कि जहां तक औषध सुरक्षा का प्रश्न है उसके लिए किसी को भी दहशत में आने की आवश्यकता नहीं है.

काला बाजारी को रोकने के लिए राज्य सरकारों को आवश्यक निर्देश

समिति की सिफारिशों के आधार पर, विभाग ने एपीआई की पर्याप्त आपूर्ति और बाजार में किफायती मूल्यों पर फार्मूले के आधार पर उसे तैयार करने और काला बाजारी, अवैध जमाखोरी, देश में कृत्रिम कमी को रोकने के लिए राष्ट्रीय औषध मूल्य प्राधिकरण (एनपीपीए), भारत के औषध महानियंत्रक (डीसीजीआई) और राज्य सरकारों को आवश्यक निर्देश जारी किए है. एनपीपीए ने राज्यों के मुख्य् सचिवों को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वे एपीआई के उत्पादन और उसकी उपलब्ध्ता के साथ-साथ फार्मूले के आधार पर उसे तैयार करने पर कड़ी नज़र रखें ताकि उनके राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में काला बाजारी और जमाखोरी रोकी जा सके. साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा सके कि सीलिंग मूल्यों का पालन करने/अनुसूचित/गैर-अनुसूचित फार्मूलों के आधार पर मूल्यों में मुनासिब वृद्धि के संबंध में औषधि (मूल्य नियंत्रण) आदेश 2013 का उल्लंघन न हो.

इस पत्र की प्रतियां प्रधान सचिव स्‍वास्‍थ्‍य और राज्‍य औषध नियंत्रकों को भी भेजी गई हैं. इस संबंध में, औषध विभाग ने डीजीएफटी को पत्र लिखा है कि वह 13 एपीआई के निर्यात और इन एपीआई का इस्तेमाल करके फार्मूले के आधार पर इसे तैयार करने पर रोक लगाए. इन एपीआई को प्रमुख तौर पर चीन के हूबेई प्रांत में तैयार किया गया है.नवीनतम जानकारी के अनुसार, औषध सामग्री का निर्माण कर रही अधिकांश चीनी कम्प नियों (हूबेई प्रांत को छोड़कर) ने आंशिक रूप से काम करना शुरू कर दिया है और उम्मीद है कि ये मार्च के अंत तक पूरी तरह काम करने लगेंगी. चीन से एपीआई के निर्यात पर कोई रोक-टोक नहीं है. चीनी कम्पतनियां भारत को निर्यात के लिए तैयार हैं, हांलाकि लॉजिस्टिक क्षेत्र ने अभी पूरी तरह काम करना शुरू नहीं किया गया है. सीडीएससीओ के बंदरगाह कार्यालयों में देखा गया है कि चीन से एपीआई का आयात किया जा रहा है. सीडीएससीओ के बंदरगाह कार्यालयों से प्राप्तट जानकारी के अनुसार, एपीआई की 56 खेप का 26 और 27 फरवरी 2020 के दौरान आयात किया गया. 56 में से 40 खेप चीन से और शेष चीन के अलावा अन्यय देशों से आई हैं.

कोरोना वायरस पर सरकार की ओर जारी एडवाइजरी

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कोरोनावायरस पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी की गई एडवाइजरी के संबंध में सभी निजी उपग्रह समाचार टीवी चैनलों और सभी निजी एफएम रेडियो चैनलों को एडवाइजरी जारी की है. इस एडवाइजरी के जरिये देश भर में लोगों तक पहुंचने के लिए निजी टीवी चैनलों और एफएम रेडियो चैनलों को योगदान और मदद करने की सलाह दी गई है.

English Summary: Corona Virus: Current Status of Coronavirus Drugs Availability in India
Published on: 04 March 2020, 05:21 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now