Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 4 October, 2020 5:02 PM IST

कृषि कानून को लेकर देश के कई हिस्सों में उबाल है. खासकर पंजाब और हरियाणा में कृषि कानून का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. हर रोज इन दो राज्यों में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. साथ ही केंद्र सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पंजाब और हरियाणा में ट्रैक्टर रैली निकाल सकते हैं. वह खुद ट्रैक्टर चलाएंगे. राहुल के ट्रैक्टर रैली निकालने को लेकर हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज का कहना है कि वह राहुल गांधी की ट्रैक्टर रैली को प्रदेश में घुसने की इजाजत नहीं देंगे.

कांग्रेस कृषि कानून को लेकर सरकार पर लगातार बोल रही है. इससे साफ है कि कांग्रेस किसान के आसरे सरकार को छोड़ने के मूड में नहीं है. इससे पहले ही कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी कांग्रेस शासित राज्य के मुख्यमंत्रियों से इस कानून को निष्प्रभावी बनाने के लिए कह चुकी हैं. उन्होंने कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों से कहा कि संविधान के अनुच्छेद 254 (2) के तहत स्थानीय स्तर पर कानून बनाएं, जिससे कृषि कानून को निष्प्रभावी बनाया जा सके.

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कृषि कानून को निष्प्रभावी बनाने के लिए अरुण जेटली का उदाहरण दिया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि तब अरुण जेटली ने राज्यों से संविधान के अनुच्छेद 254 (2) का इस्तेमाल करके भूमि अधिग्रहण कानून, 2013 के प्रावधानों को निष्प्रभावी बनाने के लिए कहा था. राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में उन्होंने इसका पूर्ण समर्थन भी किया था. अब राज्य उसी सलाह का पालन करके कृषि कानून से हुए नुकसान की भरपाई कर सकते हैं.

क्या अनुच्छेद 254 (2) के तहत कृषि कानून को निस्प्रभावी बनाया जा सकता है?

भारतीय संविधान ने केंद्र और राज्य सरकारों को कानून बनाने का अधिकार दिया है. चाहे तो राज्य और केंद्र सरकार मिलकर कानून बना सकती हैं. अब सवाल यह उठता है कि क्या कृषि कानून को राज्य सरकारें निष्प्रभावरी बना सकती हैं? तो इसका जवाब है हां. राज्य सरकार कानून बनाकर कृषि कानून को निष्प्रभावी बना सकती है. बता दें कि विपक्ष कृषि कानून को किसान के खिलाफ बता रहा है. विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने जबरदस्ती कृषि विधेयक को राज्यसभा में पास करा दिया. तृणमूल सांसद डेरेक ओब्रायन ने कहा कि विपक्ष एक बार कृषि विधेयक पर वोट करना चाहता था, लेकिन सरकार ने वह भी हक छीन लिया. वहीं, इसको लेकर सत्ता पक्ष विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगा रहा है. 

English Summary: Congress leader Rahul Gandhi to protest over Farm Law in Punjab and Haryana to Tractor Rally
Published on: 04 October 2020, 05:05 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now