हमारे देश में गाय को माता का दर्जा दिया गया है. इसलिए इनकी सुरक्षा का कर्तव्य भी हमारे हाथों में ही है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार ने गाय की सुरक्षा को लेकर एक अहम कदम उठाया है. बता दें कि योगी सरकार ने हाल ही में ऐलान किया है कि अब से प्रदेश के किसी भी जिले में मृत पशु के शव सार्वजनिक स्थानों पर नहीं दिखाई देंगे और साथ ही इनके सड़ने की दुर्गंध भी अब लोगों को नहीं परेशान करेंगी. दरअसल, सरकार इसका खास इंतजाम करने की तैयार में जुट गई है.
इलेक्ट्रिक पशु शवदाह गृह (Electric Animal Crematorium)
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार की शाम को एक उच्चस्तरीय बैठक में यह फैसला लिया है कि अब प्रदेश के हर नगर निगम में इलेक्ट्रिक पशु शवदाह गृह बनाया जाएगा. ताकि गायों व अन्य पशुओं का शव सड़क पर और अन्य किसी भी सार्वजनिक स्थान पर नहीं फेंका जाएगा. इस बैठक में सीएम योगी ने गोवंश आश्रय स्थलों के प्रबंधन पर अधिकारियों को सशक्त निर्देश दिए है. ताकि लोगों के द्वारा इस नियम का उल्लंघन न किया जा सके. इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमें नस्ल सुधार व गोबरधन प्लांट जैसे बेहतरीन कार्यक्रमों पर सबसे अधिक ध्यान देना होगा. ताकि पर्यावरण के साथ-साथ पशुओं में भी सुधार हो सके. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह इलेक्ट्रिक पशु शवदाह गृह में पशुओं का मृत शरीर कुछ ही मिनटों में जल जाएगा.
गोवंश की सेवा करने वालों को मिलेगी राशि
बताया जा रहा है कि प्रदेश में जो भी व्यक्ति गोवंश की सेवा (Cattle Service) करता हैं, तो उसे राज्य सरकार की तरफ से हर महीने लगभग 900 रुपए की धनराशि दी जाएगी. यह राशि परिवार के सदस्य को डीबीटी के माध्यम से उपलब्ध होगी.
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हमारी संस्कृति की पूजनीय है गाय
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में कहा कि बिना समाज के सहयोग से गोवंश संरक्षण का कार्य सफलतापूर्वक पूरा नहीं हो सकता है. इसके लिए अधिकारियों को जितना हो सके आम जनता की मदद लेनी चाहिए और जनता को भी अपका पूरा सहयोग करना चाहिए. साथ ही योगी ने यह भी कहा कि गाय हमारी संस्कृति में पूजनीय है. देखा जाए तो बहुत सारे लोग गाय की सेवा करना चाहते हैं, लेकिन किसी कारणवश से वह इनकी सेवा नहीं कर पाते हैं. ऐसे लोगों के लिए यह सबसे अच्छा मौका है.
हर जिले में 4 हजार गोवंश स्थान होंगे चिन्हित
प्रदेश के हर छोटे व बड़े जिले में गोवंश स्थलों के लिए विकास खंड व जनपद स्तर पर करीब 4 से 5 हजार गोवंश क्षमता के लिए स्थल का चिन्हित किया जाएगा. इन स्थलों पर केयर टेकर भी मौजूद होगी. ताकि सुरक्षित रूप से पशुओं का अंतिम संस्कार किया जा सके.