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Updated on: 26 December, 2022 12:39 PM IST

उत्तराखंड के पर्वातारोही क्षेत्रों में रहने वाले गरीब लोगों को पौष्टिक और मोटे अनाज मिले इसके लिए सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है. पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को मंडुवा और झंगोरा देने के लिए सरकार ने मिड-डे मील और सार्वजनिक वितरण प्रणाली शुरू करने करने जा रही है. जिसका प्रस्ताव तैयार कर कृषि विभाग ने शासन को भेजा है. सरकार साल 2023 में इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर घोषित करने के बाद मोटे अनाजों को बढ़ावा देने पर विशेष फोकस कर रही है.

किसानों से हो रही मंडुवा अनाज की खरीद

सरकार पर्वतीय क्षेत्रों की मंडी समिति और सहकारी समितियों के माध्यम से सीधे किसानों से मंडुवा खरीद कर रही है. मंडी समिति किसानों से 25 रुपये किलो और सहकारी समिति से 27 रुपये किलो मुडंवा खरीद कर रही है. मंडी समिति से 10 हजार क्विंटल और सहकारी समिति से 1700 क्विंटल मंडुवा खरीद की है. मंडी समिति और सहकारी समिति के बाद भी डेनमार्क. फ्रांस समेत कई अन्य देशों से मोटे अनाज का निर्यात किया जाएगा.

मोटे अनाज के उत्पादन और मार्केंटिग पर सरकार का फोकस

प्रदेश सरकार ने मंडुवा खरीदने के लिए रिवाल्विंग फंड से मंडी समिति को दो करोड़ और सहकारी समितियों को 2.34 करोड़ रुपये की राशि दी है. सरकार साल 2023 को नेशनल मिलेट्स ईयर घोषित करने के बाद मोटे अनाज के उत्पादन और मार्केटिंग के लिए रणनीति बना रही है.

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून. हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से उपभोक्ताओं को मंडुवा देने की घोषणा की है. सरकार साल 2023 किसानों से 10 हजार मीट्रिक टन मंडुआ न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदेगी. बता दें कि कृषि विभाग ने मंडुवा और झंगोरा को मिड-डे मील और सार्वजनिक वितरण प्रणाली में देने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है.    

English Summary: CM Pushkar Singh Dhami announced gives Mandua and Jhangora to poor people
Published on: 26 December 2022, 12:46 PM IST

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