कांग्रेस की आलोचना का जवाब दिया और कहा कि विपक्षी पार्टी सत्ता में रहने के दौरान केवल "मामूली राशि" ही देती थी. राज्य में विधानसभा चुनावों की आज घोषणा होनी है. घोषणा से पहले हमला तेज करते हुए सीएम सैनी ने शुक्रवार (16 अगस्त, 2024) को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस के 'हरियाणा मांगे हिसाब' अभियान पर निशाना साधा और उस पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया.
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें इस बारे में कोई जानकारी है कि हरियाणा में चुनाव की तारीखों की घोषणा बाद में की जाएगी, सैनी ने चुटकी लेते हुए कहा: "किसने कहा? चुनाव तय समय पर ही होंगे." मुख्यमंत्री ने हाल ही में कैबिनेट द्वारा कम बारिश से प्रभावित किसानों को बोनस के रूप में 2,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा देने के फैसले की ओर इशारा किया. उन्होंने कहा, "हमने शुक्रवार को 525 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी कर दी है."
उन्होंने कहा, ''जिन किसानों ने निर्धारित पोर्टल पर पंजीकरण कराया है, उन्हें उनके नुकसान की भरपाई की जाएगी.'' सीएम सैनी ने कहा कि राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले दस वर्षों में किसानों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं. सैनी ने कहा, "कांग्रेस किसानों के नाम पर मगरमच्छ के आंसू बहाती है. उन्हें बताना चाहिए कि 2005-2014 के बीच दस वर्षों में उन्होंने किसानों से कितनी फसल खरीदी."
उन्होंने कहा, "अपने शासन के दौरान, कांग्रेस फसल नुकसान के लिए 2, 5 रुपये की मामूली राशि के चेक सौंपती थी. भाजपा सरकार ने पिछले दस वर्षों में फसल नुकसान के लिए किसानों को 13,276 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया है." सीएम ने कहा, ''कांग्रेस के शासन के दौरान, किसान अपनी उपज सड़कों पर फेंक देते थे क्योंकि उन्हें उचित मूल्य नहीं मिलता था.'' सीएम सैनी ने कहा, ''भाजपा सरकार में किसानों के बैंक खातों में 72 घंटों के भीतर भुगतान किया जाता है.''
'हरियाणा मांगे हिसाब' अभियान को ' झूठ की यात्रा ' करार देते हुए उन्होंने कहा, "जो लोग हमसे हिसाब मांग रहे हैं, मैं उन्हें आईना दिखाना चाहता हूं और बताना चाहता हूं कि हम किस तरह किसानों के पक्ष में फैसले ले रहे हैं और उन्हें सशक्त बना रहे हैं."
सीएम सैनी ने कहा कि कांग्रेस इन दिनों ईमानदारी का मुखौटा पहने हुए है, लेकिन हर कोई जानता है कि किस तरह से किसानों की जमीन सीएलयू (भूमि उपयोग परिवर्तन) के नाम पर छीन ली गई और बिल्डरों को सौंप दी गई.
कांग्रेस 15 जुलाई को अपने 'हरियाणा मांगे हिसाब' अभियान की शुरुआत के बाद से ही भाजपा पर हमला कर रही है और किसानों के साथ-साथ बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था और अन्य मुद्दों को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना साध रही है.