चीनी सरकार को भारतीय फर्म से आई मछलियों में कोरोना होने का डर सता रहा है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक चीन के कस्टम कार्यालय ने दावा किया है कि भारत से आई कुछ मछलियों में चीन को कोरोना के नमूने मिले हैं, जिसके बाद अस्थायी रूप से इनके आयात पर रोक लगा दी गई है.
इस बारे में चीन के कस्टम कार्यालय ने अपने बयान में कहा कि भारत में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं, इस बीमारी के कुछ लक्षण वहां से आई मछलियों में भी देखने को मिल रहे हैं. जिसके बाद सावधानी बरतते हुए आयात पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी गई है.
चीन के दावे में कितनी सच्चाई, भारत पर क्या पड़ेगा असर?
कोरोना और लॉकडाउन के कारण इस साल वैसे भी भारतीय मछली उद्दोग घाटे में चल रहा है, ऐसे में चीन द्वारा आयात पर रोक लगने से मछली व्यापारियों को भारी नुकसान होगा. बता दें कि भारत हर साल लगभग 1 बिलियन सी फ़ूड चीन को एक्सपोर्ट करता है. लेकिन इस साल दोनों देशों के मध्य व्यापार नाम मात्र ही रह गया है.
निर्यात को लेकर सरकार आश्वस्त
कोरोना के कारण मछली व्यापार बूरी तरह लड़खड़ाया हुआ है, लेकिन केंद्रीय मत्स्य पालन सचिव राजीव रंजन का मानना है कि घबराने की बात नहीं है. राजीव रंजन की माने तो मछली पालन क्षेत्र में हम अगले पांच साल में कई देशों को पछाड़ते हुए 9 अरब डॉलर का निवेश कर सकते हैं. उनका मानना है कि इस क्षेत्र में बड़ी संभावनाएं है और आने वाले दिनों में इस क्षेत्र से लाखों लोगों को रोजगार मिल सकता है.
भारत को उकसाने वाला कदम
मार्केट के कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि चीन इस तरह की हरकत भारत को उकसाने के लिए कर रहा है. ध्यान रहे कि बीते कुछ महीनों में भारत सरकार ने एक के बाद एक कई चीनी मोबाइल ऐप्स को सुरक्षा के लिहाज से देश के लिए बड़ा खतरा मानते हुए उन्हें बंद किया है. इन ऐप्स को इलेक्ट्रॉनिक्स और IT मंत्रालय ने IT की धारा 69 A के तहत बंद करते हुए कहा है कि इनसे डाटा चोरी और जासूसी हो रही थी. जाहिर है भारत के इस कदम से चीन तीलमीलाया हुआ है.