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Updated on: 13 February, 2020 5:29 PM IST

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान दिल्ली के 58वें दीक्षांत समारोह से ठीक एक दिन पहले 'केमिस्ट्री, बायोलॉजी एंड यूनिटी ऑफ़ नेचर विषय पर" लेक्चर का आयोजन किया गया. ये लेक्चर इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस के फॉर्मर डायरेक्टर प्रोफेसर पद्मनाभम बलराम द्वारा दिया गया. उन्होंने कहा कि देश के भूतपूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का शासनकाल बेहद कठिन रहा. उस समय पूँजीपति देश को अुपने कब्जे में लेना चाहते थे और दुश्मन देश पाकिस्तान से हमारा युद्ध चल रहा था. लेकिन शास्त्री जी ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों को कहा कि "आप देश की रक्षा कीजिये बाकि में समझ लूंगा. उन्होंने राष्ट्र को उत्तम नेतृत्व प्रदान करते हुए न सिर्फ युद्ध में विजयी बनाया बल्कि जय जवान-जय किसान का नारा देकर आत्मनिर्भर भी कर दिया.

विज्ञान से होगा कृषि को लाभ
प्रोफेसर बलराम ने कहा कि खेती में बायोलॉजी का बड़ा योगदान हो सकता है. जीव, जीवन और जीवन के प्रक्रियाओं के अध्ययन से खेती को फायदेमंद बनाया जा सकता है. फसलों के साथ-साथ जीवों की संरचना, , विकास, उद्भव आदि का अध्ययन ही आधुनिक खेती के साथ-साथ पशुपालकों के लिए फायदेमंद है. उन्होंने कहा कि पशुपालन में पोषण, श्वसन और प्रजनन आदि की प्रक्रिया को समझना विज्ञान की मदद से सबसे सरल है.

खेती में रसायनशास्त्र का महत्व
प्रोफेसर बलराम ने कहा कि “कृषि पदार्थों के संघटन, संरचना, गुणों और रासायनिक प्रतिक्रिया को समझने के लिए केमिस्ट्री की जानकारी लाभाकरी है. सत्य तो यही है कि परमाणु या उप-परमाण्विक कणों के रूप में केमिस्ट्री हर जगह मौजूद है और इसलिए कृषि गतिविधियां भी इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन साइंस से प्रभावित है. हर क्षेत्र की तरह खेती के लिए भी रसायन विज्ञान आधार है.”

कल होगा दीक्षांत समारोह का आयोजन
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान दिल्ली के 58वें दीक्षांत समारोह का आयोजन कल होगा. जहां उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू मुख्य अतिथि होंगे. इस समारोह में केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, कृषि और किसान कल्याण (राज्य मंत्री) कैलाश चौधरी एवं अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित रहेंगें.

English Summary: chemistry biology and the unity of nature lal bahadur shastri memorial lecture icar
Published on: 13 February 2020, 05:39 PM IST

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