गेहूं रबी सीजन की मुख्य फसल है, इसका अनुमान हम इस बात से ही लगा सकते हैं कि, भारत में बीते वर्ष 2021-2022 में गेहूं का उत्पादन 10 करोड़ 68.4 लाख टन रहा, हालांकि मौसम की मार के कारण फसल उत्पादन में कमी देखी गई. अब गेहूं के दाम काफी बढ़े हुए हैं, जिसका असर आटे की कीमत पर पड़ रहा है. बढ़े हुए भावों का प्रभाव रसोई में भी देखने को मिलने लगा है. उच्च दामों को कम करने के लिए क्रेंद सरकार ने कवायद तेज कर दी है. कयास लगाएं जा रहे हैं कि बीते वर्ष के मुकाबले गेहूं का उत्पादन अधिक देखने को मिलेगा. साथ ही अब सरकार 15 मार्च से गेहूं की खरीदी का काम शुरू करने जा रही है.
15 मार्च से शुरू होगी गेहूं की खरीद
रबी सीजन में इस बार गेहूं की बुवाई बड़े पैमाने में हुई. देश के लगभग अधिकतर हिस्सों में गेहूं की बुवाई प्रक्रिया पूर्ण होकर गेहूं में बालियां भी आने लगी हैं. वहीं अभी भी कुछ हिस्सों में बुवाई का काम चल रहा है. वहीं केंद्र सरकार द्वारा 15 मार्च से गेहूं की खरीदी शुरू कर दी जाएगी.
बीते वर्ष 10 करोड़ 68.4 लाख टन
कृषि मंत्रालय की आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2020-2021 में गेहूं का उत्पादन 10 करोड़ 68.4 लाख टन रहा, जबकि वर्ष 2021-2022 में गेहूं का उत्पादन घटकर 10 करोड़ 68.4 लाख टन हुआ. जिसका कारण कुछ राज्यों में अचानक लू चलने को बताया गया है. लेकिन इस बार गेहूं के उत्पादन में वृद्धि के आसार देखे जा रहे हैं.
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गेहूं पर एमएसपी
सरकार ने वर्ष 2022-23 के लिए गेहूं पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2,125 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है. तो वहीं बीते वर्ष 2021-22 में गेहूं में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2015 रुपए तय किया गया था. इस बार 110 रुपए की बढ़ोतरी की गई है. इसके अलावा एक सरकारी बयान में कहा गया कि कि गेहूं की उत्पादन लागत प्रति क्विंटल 1,065 रुपये रहने का अनुमान लगाया जा रहा है.