सरकार खेती के विस्तार के लिए कई ऐसी घोषणाएं करती रहती है, जिससे किसानों को काफी राहत मिलती रहती है और अभी हाल ही में केंद्र सरकार ने उवर्रकों को लेकर बड़ी खुशखबरी दी है, जिससे किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने जानकारी दी कि अप्रैल से अक्टूबर 2025 के बीच भारत ने कृषि-ग्रेड यूरिया का आयात दोगुने से अधिक बढ़ाकर कर दिए है, जो अब 58.62 लाख टन होगा और अगर पिछले साल की बात करें तो कृषि-ग्रेड यूरिया का आयात 24.76 लाख टन था. इस बढ़ोतरी से किसानों को खरीफ और रबी की फसल में पर्याप्त यूरिया उपलब्ध होगा और किसानों की फसलें लहलहाती रहेगी.
उर्वरक विभाग ने क्या कहा?
उर्वरक विभाग ने कहां की खरीफ 2025 सत्र के दौरान पूरे देश भर में यूरिया सहित उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता को सुनिश्चित किया है, जिसकी मदद से देश के किसानों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया मिलता रहेगा.
वहीं, अगर यूरिया की खपत की बात करें तो इस प्रकार है-
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यूरिया की उपलब्धता जो रही वह करीबन 230.53 लाख टन रही.
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जबकि अनुमान के हिसाब से यूरिया की जरुरत 185.39 लाख टन थी.
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वहीं, अगर यूरिया की कितनी बिक्री हुई तो बता दें कि 193.20 लाख टन दर्ज की गयी.
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कुल मिलाकर अगर 2025 से 2024 की यूरिया खपत की बात करें तो लगभग किसानों ने खरीफ सीजन 2025 सत्र के दौरान 4.08 लाख टन अधिक यूरिया का इस्तेमाल किया.
आयात में कितनी हुई बढ़ोतरी?
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सरकार ने आयात को बढ़ाने के लिए बहुत ही प्रयास किए है. इसी के चलते विभाग ने कहां कि आयत की बढ़ोतरी से न केवल खरीफ 2025 के दौरान यूरिया की बढ़ी हुई मांगो को पूरी करने के साथ-साथ रबी सत्र के लिए पर्याप्त बफर स्टॉक बनाने में भी काफी मदद मिली है-
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कुल यूरिया स्टॉक एक अक्टूबर, 2025 में लगभग 48.64 लाख टन था.
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वहीं, यूरिया स्टॉक 31 अक्टूबर, 2025 तक 68.85 लाख टन कर दिया गया है.
घरेलू उत्पादन में कितना हुआ सुधार
घरेलू यूरिया उत्पादन अक्टूबर 2025 की बात करें तो 26.88 लाख टन तक जा चुका है, जो पिछले साल के मुकाबले 1.05 लाख टन अधिक है, जिससे की साफ-साफ दिख रहा है कि देश प्रगति की ओर बढ़ रहा है.
कालाबाजारी पर उर्वरक विभाग ने क्या कहा?
कालाबाजारी पर उर्वरक विभाग ने यह कहा कि यूरिया तस्करी, जमाखोरी और कालाबाजारी करते हुए जिसकों पाया गया उसके खिलाफ बड़ी कारवाई की जाएगी. साथ ही सरकार का यह उद्देश्य है कि देश के किसानों को समय पर सही मात्रा और सही दाम पर उर्वरक मिलते रहे ताकि किसानों की खेती अच्छे से हो.