Cotton Farming in India: भारत में कपास की खेती की चुनौतियां, समाधान और संभावनाएं शाही लीची की मिठास अब विदेशों तक, जियोटैगिंग से मिलेगी नई पहचान, किसानों की बढ़ेगी कमाई ट्रैक्टर सहित कई आधुनिक यंत्रों की खरीद पर मिलेगी 40% तक सब्सिडी और ब्याज में छूट, जानें क्या है योजना किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ Diggi Subsidy Scheme: किसानों को डिग्गी निर्माण पर मिलेगा 3,40,000 रुपये का अनुदान, जानें कैसे करें आवेदन फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Tarbandi Yojana: अब 2 बीघा जमीन वाले किसानों को भी मिलेगा तारबंदी योजना का लाभ, जानें कैसे उठाएं लाभ? Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 7 May, 2025 10:31 AM IST
ICAR-IARI द्वारा बिहार के 98 सहायक निदेशकों के लिए उन्नत कृषि तकनीकों पर एक दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित

कृषि प्रौद्योगिकी मूल्यांकन एवं स्थानांतरण केंद्र (CATAT), भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR-IARI), नई दिल्ली द्वारा 6 मई 2025 को बिहार सरकार के 98 सहायक निदेशकों (सस्य विज्ञान, कीट/रोग प्रबंधन एवं कृषि अभियांत्रिकी) के लिए एक दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को उन्नत कृषि अनुसंधान, एकीकृत कृषि प्रणाली और तकनीकी प्रसार की आधुनिक विधियों से अवगत कराना था.

कार्यक्रम की शुरुआत विभिन्न एकीकृत कृषि प्रणाली (IFS) मॉडलों के भ्रमण से हुई, जिनमें जलाशय आधारित एवं बारानी समन्वित कृषि प्रणाली मॉडल, मशरूम उत्पादन इकाई और संरक्षित खेती (CPCT) शामिल थे. विशेषज्ञों द्वारा इन प्रदर्शनों के माध्यम से टिकाऊ और विविधीकृत कृषि पद्धतियों की जानकारी दी गई. इसके उपरांत प्रतिभागियों ने कृषि अभियांत्रिकी प्रभाग की कार्यशाला का दौरा किया, जहाँ कृषि यंत्रीकरण पर सत्र एवं वैज्ञानिकों के साथ चर्चा की गई.

अपराह्न में संस्थान के जल प्रौद्योगिकी केंद्र सभागार औपचारिक शैक्षणित सत्र आयोजित किया गया, जिसके मुख्य अतिथि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. सी.एच. श्रीनिवास राव थे. कार्यक्रम के संयोजक और संयुक्त निदेशक (प्रसार), डॉ. आर. एन. पडारिया द्वारा निदेशक का स्वागत और अभिनंदन किया गया. अपने संबोधन में डॉ. श्रीनिवास राव ने अनुसंधान-आधारित नवाचारों के महत्व को रेखांकित किया जो देश एवं विशेषकर बिहार राज्य में वर्तमान कृषि चुनौतियों का समाधान प्रदान कर सकते हैं.

इसके पश्चात तकनीकी सत्र का आयोजन हुआ, जिसमें डॉ. पी.एस. ब्रह्मानंद (परियोजना निदेशक, जल प्रौद्योगिकी केंद्र), डॉ. एस.एस. राठौर (अध्यक्ष, सस्य विज्ञान संभाग), डॉ. अनिल सिरोही (प्राध्यापक, सूत्रकृमि संभाग), डॉ. एस. सुब्रमणियन (प्राध्यापक, कीटविज्ञान संभाग) एवं डॉ. विष्णु माया (वरिष्ठ वैज्ञानिक, पादप रोगविज्ञान संभाग) द्वारा उन्नत कृषि तकनीकों और स्थानीय अनुप्रयोगों पर व्याख्यान दिए गए.

प्रतिभागियों ने कृषि अभियांत्रिकी प्रभाग की कार्यशाला का दौरा किया

कार्यक्रम का समापन बीज उत्पादन इकाई (SPU) के भ्रमण और "पूसा कृषि हाट" के दौरे से हुआ, जहाँ प्रतिभागियों को कृषि व्यवसाय संवर्धन और प्रौद्योगिकी व्यवसायीकरण की पहलुओं से परिचित कराया गया. यह कार्यक्रम बिहार राज्य के कृषि अधिकारियों की क्षमता निर्माण को सशक्त बनाते हुए अनुसंधान और विस्तार के मध्य सेतु के रूप में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ.

एकीकृत कृषि प्रणाली और यंत्रीकरण पर ICAR-IARI का बिहार कृषि अधिकारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र
English Summary: Capacity building visit of Assistant Agricultural Officers of Bihar State to Indian Agricultural Research Institute New Delhi
Published on: 07 May 2025, 10:41 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now