देश के किसानों को बीते कुछ सालों से सरकार प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए लगातार जागरूक कर रही है. इसके लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं और कार्यक्रम चला कर किसानों को जागरूक किया जा रहा है.
यही नहीं सरकार किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए सब्सिडी योजनाएं भी चला रही है. इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश सरकार ने एक और कदम उठाया है.
प्राकृतिक खेती के लिए किसानों को किया जा रहा जागरूक
हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर में आत्मा प्रोजेक्ट के तहत किसानों को कृषि विभाग द्वारा एक प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से जागरूक किया गया. इसमें किसानों को सुभाष पालेकर नेचुरल फार्मिंग को लेकर कई दवाइयां बनाने के लिए सिखाई गई. यही नहीं इसमें किसानों को जीवामृत व वीजामृत बनाने का प्रशिक्षण भी दिया गया.
प्राकृतिक खेती को पूर्ण रूप से अपनाने की मुहिम तेज
आपको बता दें कि साल 2018 से ही हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती को पूर्ण रूप से अपनाने की मुहिम चलाई जा रही है, जिसको लेकर जिला सिरमौर और सोलन में किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है.
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प्राकृतिक खेती से उगाए गए फसलों-फलों को लेकर एफपीओ का गठन
इतना ही नहीं प्राकृतिक खेती से उगाए गए फसलों और फलों को लेकर एक एफपीओ का गठन भी हुआ है, जो कि राज्य में पहला ऐसा एफपीओ है जो सिर्फ प्राकृतिक खेती से उगाई गई फसलों और फलों को लेकर बाजार उपलब्ध करवाता है.
साथ ही साथ प्रोसैस्ड फूड को लेकर भी काम कर रहा है, इस एफपीओ का गठन नोनी कृषि विश्वविद्यालय के चांसलर के सहयोग से किया गया है.