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Updated on: 7 July, 2024 10:00 AM IST
आउटरीच को बढ़ावा देने के लिए अंतर-संगठन सहयोग का आह्वान (प्रतीकात्मक तस्वीर)

डॉक्टर यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी की 24वीं विस्तार परिषद की बैठक विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित की गई. यह बैठक कुलपति प्रो राजेश्वर सिंह चंदेल की अध्यक्षता में हुई, जिसमें उद्यान, कृषि और वन विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ कई वैज्ञानिकों और प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया. इस बैठक का उद्देश्य विश्वविद्यालय के भविष्य के विस्तार कार्यक्रमों के लिए एक रणनीतिक रोडमैप विकसित करना रहा. विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. इंद्र देव ने विश्वविद्यालय के विस्तार शिक्षा निदेशालय, कृषि विज्ञान केंद्रों और क्षेत्रीय अनुसंधान स्टेशनों द्वारा संचालित विभिन्न विस्तार गतिविधियों का एक व्यापक अवलोकन प्रस्तुत किया.

उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय, अपने क्षेत्रीय स्टेशनों और कॉलेजों के साथ मिलकर प्रशिक्षण सत्रों, एक्सपोज़र विजिट, किसान मेलों और परिचर्चाओं इत्यादि के माध्यम से पिछले वर्ष 40,000 से अधिक किसानों तक पहुंचने में कामयाब हुआ है. इसके अतिरिक्त, उन्होंने भविष्य की गतिविधियों के साथ-साथ पिछले वर्ष के एजेंडे पर कार्य रिपोर्ट प्रस्तुत की.

अपने संबोधन में प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल ने कृषक समुदाय के लिए स्थायी समाधान, पशुधन और मुर्गी पालन को कृषि के साथ एकीकृत करने के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने विस्तार कर्मियों को अंतिम उपयोगकर्ता की जरूरतों पर ध्यान देने के साथ, पहुंच को अधिकतम करने के लिए सड़कों के नजदीक प्रदर्शन स्थापित करने की सलाह दी. प्रोफेसर चंदेल ने प्राकृतिक खेती के लिए एक स्थायी मंच विकसित करने और नाबार्ड और कृषि विभाग की सहायता से विभिन्न किसान उत्पादक कंपनियों को सहयोग प्रदान करने में विश्वविद्यालय के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने यूरोपीय आयोग द्वारा वित्त पोषित प्रतिष्ठित अंतर-संस्थागत ACROPICS कृषि पारिस्थितिकी परियोजना का उल्लेख किया, जो अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्राकृतिक खेती पर विश्वविद्यालय के काम को प्रदर्शित करेगा. इस परियोजना में विश्व भर के 13 देशों के 15 सदस्य शामिल है और भारत से नौणी विवि एकमात्र संस्थान इस परियोजना का हिस्सा है.

कृषि निदेशक कुमुद सिंह ने विश्वविद्यालय के विस्तार प्रयासों की सराहना की और सुझाव दिया कि विभिन्न सरकारी एजेंसियों के साथ सहयोग से उनकी पहुंच और सफलता में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है. उन्होंने जागरूकता बढ़ाने के लिए सफलता की कहानियों का दस्तावेजीकरण करने और इन्हें विभिन्न विभागों के साथ साझा करने का आह्वान किया. उन्होंने विश्वविद्यालय से विभिन्न कीटों और बीमारियों के प्रति संवेदनशील किस्मों पर प्रभाव विश्लेषण करने और क्षेत्र के लिए उपयुक्त बेहतर किस्मों के बारे में जानकारी प्रसारित करने का भी आग्रह किया.

प्रगतिशील किसानों ने अपने विचार साझा करते हुए, सुझाव दिया कि गुठलीदार फलों को सुखाने से बेहतर मूल्य प्राप्त करने और अप्राप्य उपज का प्रबंधन करने में मदद मिल सकती है. उन्हें जंगल की आग के प्रबंधन और क्षेत्र के अनुसार वनीकरण गतिविधियों पर शिक्षा, फसलों पर कीटनाशकों के अवशिष्ट प्रभावों के बारे में किसानों को शिक्षित करना, स्थानीय भाषाओं में साहित्य प्रदान करना और फलों और सब्जियों के मूल्य संवर्धन पर प्रशिक्षण की भी आवश्यकता पर भी अपने अपने विचार रखे.

विश्वविद्यालय के नेरी और थुनाग कॉलेजों के डीन डॉ. पीएल शर्मा और डॉ. डीपी शर्मा ने अपने कॉलेजों द्वारा की गई विस्तार गतिविधियों को प्रस्तुत किया. संयुक्त निदेशक संचार डॉ. अनिल सूद ने नौणी स्थित मुख्य परिसर में विश्वविद्यालय के दोनों कॉलेजों द्वारा संचालित विस्तार गतिविधियों पर एक प्रस्तुति दी.

बैठक में बागवानी उपनिदेशक डॉ. शिवाली ठाकुर, कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर से डॉ. विनोद शर्मा, प्रगतिशील किसान निहाल सिंह, सुरेंद्र सिंह मेहता, महाराज कृष्ण बडयाल और विश्वविद्यालय के विभिन्न वैधानिक अधिकारी, वैज्ञानिक और विस्तार कर्मी उपस्थित रहे.

English Summary: Call for Enhanced Inter Organization Collaborations to Boost Outreach
Published on: 08 July 2024, 12:28 PM IST

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