मिनी दाल मिल और पावर वीडर समेत 5 कृषि यंत्रों पर मिल रही है भारी सब्सिडी, जानें पूरी आवेदन प्रक्रिया उत्तर से दक्षिण तक मौसम का कहर! 12 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट, जानें कहां कैसा रहेगा मौसम देसी गायों की डेयरी पर मिलेगी ₹11.80 लाख तक की सब्सिडी, जानिए आवेदन की पूरी प्रक्रिया किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 11 January, 2023 5:51 PM IST
केंद्रीय मंत्री ने की कृषि जागरण की प्रशंसा

केंद्रीय मंत्री परशोत्तम रुपाला ने अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023 को लेकर कृषि जागरण को पत्र लिखा हैं. उन्होंने पत्र में कृषि क्षेत्र में किए जाने वाले कार्यों के लिए कृषि जागरण की प्रशंसा की. मिलेट्स को लेकर उन्होंने पत्र में लिखा कि मिलेट्स की फसलें एक समय अनाथ फसलों की तरह कम लाभ के रूप में जानी जाता थी और इसकी मांग भी बाजार में कम थी. लेकिन अब समय बदल रहा है, हवा अब मिलेट्स की ओर बह रही है. मोटे अनाज की फसलें जलवायु परिवर्तन और शुष्क भूमि में भी उग जाने के अपने गुण के कारण काफी महत्वपूर्ण हैं. इन्हें उगाने के लिए कम पानी की जरूरत होती है.

उन्होंने आगे पत्र में लिखा कि भारत अर्ध-शुष्क भूमि वाला देश है जहां भूमि का 34 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र अर्ध शुष्क है. इस अर्ध-शुष्क भूमि पर कई पारंपरिक फसलों का उत्पादन होता. इनमें  सोरघम, पर्ल मिलेट्स, फिंगर मिलेट्स, फॉक्सटेल मिलेट्स, प्रोसो मिलेट्स, लघु मिलेट्स, बार्नयार्ड मिलेट्स आदि की फसलें शामिल हैं. हमारी थाली में मोटे अनाज पर आधारित भोजन का अनुपात दशकों से कम हो रहा है. लेकिन अब इसकी लोकप्रियता धीरे-धीरे बढ़ रही है और इसे फिर से मुख्यधारा में लाने के लिए बड़े प्रयास किए जा रहे हैं. कई राज्य पहले ही मोटे अनाज के उत्पादन और खपत को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं.

केंद्रीय मंत्री परशोत्तम रुपाला ने कहा कि भारत सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है.

बाजरा का सबसे बड़ा उत्पादक और IYM-2023 प्रस्तावक होने के नाते भारत ने बाजरा को पुनर्जीवित करने का बीड़ा उठाया है. इससे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बढ़ती मांगों की पूर्ति करने से देश को लाभ होगा. बाजरा के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के साथ हम भारतीय बाजरा, व्यंजनों, और मूल्य वर्धित उत्पादों के विकास को विश्व स्तर पर स्वीकार होने की उम्मीद कर सकते हैं.

ये भी पढ़ेंः IYOM 2023 के समर्थन में कृषि जागरण मुख्यालय पर होगा भव्य कार्यक्रम, केंद्रीय मंत्री परशोत्तम रुपाला सहित कई हस्तियां होंगी शामिल

परशोत्तम रुपाला ने कृषि जागरण टीम को शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि कृषि जागरण सक्रिय रूप से 12 भाषाओं और 23 संस्करणों पत्रिकाओं, वेबसाइटों, यूट्यूब, फार्मर द जर्नलिस्ट (एफटीजे), सोशल मीडिया पेजों और ऑन-ग्राउंड गतिविधियों के माध्यम से कृषि क्षेत्र में सक्रिय रूप से काम कर रहा है. उन्होंने कहा-कृषि जागरण न केवल भारतीय कृषक समुदाय को उनके प्लेटफार्मों के माध्यम से मोटे अनाज के बारे में जागरूक करेगा बल्कि उपभोक्ताओं को इसे अपनी भोजन की थाली का हिस्सा बनाने के लिए आकर्षित करेगा. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि उनकी पहल देश में और वैश्विक स्तर पर समावेशी मिलेट्स प्रोत्साहन के लिए हितधारकों को संवेदनशील बनाएगी.

English Summary: cabinet minister praised Krishi Jagran for excellent works in Agri sector
Published on: 11 January 2023, 05:59 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now