देर आये मगर दुरुस्त आयें की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश में आखिरकार एक महीने बाद मंत्रिमंडल का गठन हो गया है. इस बार प्रदेश की बागडोर मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री सहित 7 मंत्रियो को सौपी गई है. हालांकिइस बार मुख्य संसदीय सचिव की संख्या भी 6 कर दी गई है. जिससे प्रदेश में अब मंत्रियों के साथ-साथ सीपीएस भी बड़ी भूमिका निभाएंगे. आपकों बता दें कि हिमाचल प्रदेश में कैबिनेट गठन (Himachal Cabinet) में सात मंत्रियों में से 4 विधायकों को पहली बार कैबिनेट में शामिल किया गया है. इसके आलावा वरिष्ठ नेताओं को भी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है.
चन्द्र कुमार बने वन व कृषि मंत्री
हिमाचल प्रदेश में कृषि व वन मंत्री चन्द्र कुमार को बनाया गया है. 2022 विधान सभा चुनाव में कांग्रेसी नेता चंद्र कुमार ने छठी बार चुनाव में जीत दर्ज की है, साथ ही उनके बेटे नीरज भारती भी दो बार विधायक रह चुके हैं. आपको बता दें चंद्र कुमार ने वर्ष 1971 से राजनीति एक आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, तथा उसके बाद उन्होंने कांग्रेस को ज्वाइन किया तथा लगातार चुनाव लड़ते आ रहे हैं. चन्द्र कुमार पूर्व मुख्यमंत्री स्व वीरभद्र सिंह के बेहद खास रहे है तथा उनके कार्यकाल में कई विभागों में मंत्री रह चुके है . चंद्र कुमार जलशक्ति मंत्री, वन मंत्री सहित ओबीसी एवं वित्त निगम के चेयरमैन तथा हिमाचल पथ परिवहन निगम के वाइस चेयरमैन भी रह चुके हैं.
जगत सिंह नेगी बनें बागबानी व राजस्व मंत्री
मंत्री मंडल में सबसे बड़ी व अहम् भूमिका जगत सिंह नेगी को सौंपी गई है, जिन्हें बागवानी, जनजातीय विकास मंत्रालय के साथ-साथ राजस्व मंत्रालय सौंपा गया है. इस बारे में कृषि जागरण से बात करते हुए जगत सिंह नेगी ने बताया की यहाँ बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, जिसका वहन वह इमानदारी से करेंगे तथा बागवानों के हित में सही फैसले लेंगे ताकि बागवानों की समस्याओं को दूर किया जा सके. आपको बता दें कि जगत सिंह नेगी पूर्व विधायक हिमाचल प्रदेश विधानसभा ज्ञान सिंह नेगी के सुपुत्र हैं. जन्म 2 फरवरी, 1957 को किन्नौर जिला में जन्मे जगत सिंह नेगी ने बी.ए.एल.एल.बी. की शिक्षा पंजाब विश्वविद्यालय चण्डीगढ़ से ग्रहण की है. श्री नेगी वर्ष 1980 से 1995 तक जिला सेब एवं सब्जी उत्पादक संघ किन्नौर के संस्थापक अध्यक्ष बने रहे हैं. वह वर्ष 1980 से 1995 तक जिला बार संघ किन्नौर के अध्यक्ष तथा जिला युवा कांग्रेस कमेटी किन्नौर के भी अध्यक्ष रहे हैं. साथ ही जगत सिंह नेगी ने 1996 से 2011 तक जिला स्तर पर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभाई. वही वर्ष 1996 और 2005 से 2009 तक हिमाचल प्रदेश फुटबाल संघ के उपाध्यक्ष एवं अध्यक्ष पर भी कार्य किया . जगत सिंह नेगी 27 मई, 1995 को विधानसभा उप-चुनाव में विधायक निर्वाचित हुए. वह जून, 2003 तथा 2012 में पुनः विधायक पद पर निर्वाचित हुए. वह 18 अप्रैल, 2005 से 18 अगस्त, 2005 तक संसदीय सचिव भी रहे. जगत सिह नेगी ने जनवरी 2013 से मार्च 2013 तक अधीनस्थ विधायन समिति के अध्यक्ष तथा 12 मार्च, 2013 से 21 दिसम्बर, 2017 तक हिमाचल प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी का वहन किया है .
सिरमौर के हर्षवर्धन चौहान बने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री
हिमाचल प्रदेश के एतिहासिक जिला सिरमौर के सबसे दुर्गम क्षेत्र माने जाने वाली शिलाई विधान सभा के विधायक हर्षवर्धन चौहान को स्वास्थ्य मंत्री मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपीगई है. यह इस क्षेत्र के लिए बड़े ही सम्मान की बात मानी जा रही है. आपको बता दे हर्षवर्धन चौहान ने अपना पहला चुनाव 1993 में हर्षवर्धन चौहान ने लड़ा था
इसके बाद साल 1998,2003 और 2007 में उन्होंने लगातार जीत दर्ज करते रहें. इस दौरान उन्होंने हिमाचल प्रदेश उद्योग निगम के उपाध्यक्ष पर की जिम्मेदारी निभाई साथ ही वर्ष 1994 से 1997 तक उन्हें हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड का सदस्य नियुक्त किया गया. इसके आलावा वर्ष 1994 से 1996 तक हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी की एग्जीक्यूटिव काउंसिल के भी सदस्य रहे हैं. हालाकिं हर्षवर्धन चौहान साल 2005 में मुख्य संसदीय सचिव भी रह चुके हैं. अब हर्ष वर्धन चौहान ने छठी बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुचें है और स्वास्थ मंत्रालय की जिम्मेदारी का वहां करेंगे. आपको बता दें कि वरिष्ठता के आधार पर हर्षवर्धन चौहान तीसरे नंबर के मंत्री हैं. आपकों बता दें हर्षवर्धन चौहान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के काफी करीब माने जाते रहें है.
कर्नल धनी राम शांडिल्य बने सामजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री
इसी कड़ी में कर्नल धनी राम शांडिल्य को सामजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के साथ साथ भूतपूर्व सैनिक कल्याण मंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई है. कांग्रेस नेता धनी राम शांडिल्य बड़े ही मंझे हुए मंत्री हैं. कांग्रेस से वह 13वीं लोकसभा में शिमला से वह उम्मीदवार बने थे. 2014 के लोकसभा चुनावों में धनी राम शांडिल ने कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किया था. धनी राम ने 2012 में सोलन विधान सभा सीट से 10 साल से चले आ रहे भाजपा के विजय रथ पर लगाम लगाई थी. वही इस बार विधान सभा चुनावों में जीत दर्ज कर मंत्रीमंडल में अपनी जगह बनाई है.
रोहित ठाकुर बने PWD, पर्यटन, उत्पाद शुल्क और कर मंत्री
शिमला के जुब्बल कोटखाई विधान सभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक रोहित ठाकुर को मंत्रिमंडल में पहली बार जगह मिली है. हालाकिं रोहित ठाकुर इस विधान सभा से चौथी बार विधायक बने हैं. उन्हें PWD, पर्यटन, उत्पाद शुल्क और कर विभाग सौपे गयें है. आपको बता दें कि रोहित ठाकुर के दादा राम लाल ठाकुर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. 14 अगस्त 1974 को जन्मे रोहित ने बीए ऑनर्स में अपनी शिक्षा पूर्ण की व राजनीति में परिवार की परम्परा को निभाते हुए विधायक पद पर 2003 में पहला चुनाव लड़ा और जीत दर्ज करवाई. इसके बाद 2012 में जीते और 2017 विधान सभा चुनावों में हार गए. परन्तु 2021 के उपचुनाव में पुनः जीत हासिल कर विधायक बनें. इस बार 2022 में चुनाव जीतकर मंत्रीमंडल में शामिल हुए. तथा पहली बार मंत्री पद संभाल रहे हैं.
अनिरुद्ध सिंह बने ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री
शिमला जिला की कसुम्पटी विधान सभा से तीन बार के विधायक रह चुके अनिरुद्ध सिंह कोटि इस रियासत के पूर्व शाही परिवार से ताल्लुक रखते हैं. माना जाता है अनिरुद्ध सिंह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बेहद करीबी है. अनिरुद्ध सिंह सार्वजनिक उपक्रमों, अधीनस्थ विधान और नियम समितियों के सदस्य और प्रदेश युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष और महासचिव तथा जिला परिषद के उपाध्यक्ष, सदस्य और अध्यक्ष रह चुके हैं. आपकों बता दें कि अनिरुद्ध सिंह विधानसभा चुनावों 2022 में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज को हराकर विधायक बने हैं.
विक्रमादित्य सिंह को मिला उद्योग, युवा एवं खेल विभागविक्रमादित्य सिंह
जोकि शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से दो बार के विधायक रह चुके हैं. वह पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह के पुत्र है. विक्रमादित्य सिंह ने अपनी शिक्षा सेंट स्टीफेंस कॉलेज, दिल्ली से स्नातकोत्तर (इतिहास) में पूर्ण की है. इससे पूर्व विक्रमादित्य सिंह को सार्वजनिक उपक्रमों और ई-गवर्नेंस-सह-सामान्य प्रयोजन समितियों के सदस्य के रूप में भी नामित किया चुका है. विक्रमादित्य सिंह का कद कोंग्रेस पार्टी में काफी मजबूत माना जाता है साथ ही वह पार्टी की हर गतिविधियों में काफी सक्रिय रहे हैं. विधानसभा चुनावों 2022 में उन्होंने 15 से भी अधिक विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार की जिम्मेदारी निभाई है. आपकों बता दें कि विक्रमादित्य सिंह हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. इतना ही नहीं वह राष्ट्रीय स्तर पर राइफल और ट्रैप शूटिंग प्रतियोगिता में हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व भी कर चुके हैं.
6 मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्तिहिमाचल प्रदेश में जहाँ मंत्रिपरिषद विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री सुक्खू ने एक सादा समारोह में 7 मंत्रियों के शपथ दिलवाई वही छह मुख्य संसदीय सचिव (सीपीएस) भीं नियुक्त किए है और उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई है . इन सीपीएस में कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर, शिमला जिले के रोहरू से मोहन लाल बरागटा, सोलन जिले के दून से राम कुमार चौधरी, पालमपुर से आशीष बुटेल और कांगड़ा जिले के बैजनाथ से किशोरी लाल और सोलन जिले के अरकी से संजय अवस्थी शामिल रहें हैं.