प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीते कल यानी की 19 जून, 2024 को सत्र 2024-25 की सभी जरूरी खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि को मंजूरी दे दी. बता दें कि सरकार ने सत्र 2024-25 के लिए खरीफ फसलों के MSP में वृद्धि इसलिए की है, ताकि उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके. पिछले वर्ष की तुलना में इस बार MSP में सबसे अधिक वृद्धि तिलहन और दलहन के लिए की गई है, जैसे नाइजरसीड (983 रुपये प्रति क्विंटल), उसके बाद तिल (632 रुपये प्रति क्विंटल) और तुअर/अरहर (550 रुपये प्रति क्विंटल) है.
विपणन सत्र 2024-25 के लिए खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणा के अनुरूप है, जिसमें एमएसपी को अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर तय करने की बात कही गई है. किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर अपेक्षित मार्जिन बाजरा (77%) के मामले में सबसे अधिक होने का अनुमान है, उसके बाद तुअर (59%), मक्का (54%) और उड़द (52%) का स्थान है. बाकी फसलों के लिए, किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर मार्जिन 50% होने का अनुमान है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लागत में वे सभी भुगतान की गई लागतें शामिल हैं जैसे कि किराये पर लिए गए मानव श्रम, बैल श्रम/मशीन श्रम, पट्टे पर ली गई भूमि के लिए भुगतान किया गया किराया, बीज, उर्वरक, खाद जैसे सामग्री इनपुट के उपयोग पर किए गए व्यय, सिंचाई शुल्क, औजारों और कृषि भवनों पर मूल्यह्रास, कार्यशील पूंजी पर ब्याज, पंप सेटों के संचालन के लिए डीजल/बिजली आदि, विविध व्यय और पारिवारिक श्रम का आरोपित मूल्य. धान (ग्रेड ए), ज्वार (मालदंडी) और कपास (लंबी स्टेपल) के लिए लागत डेटा अलग से संकलित नहीं किया गया है.
वही, हाल के वर्षों में सरकार अनाज के अलावा अन्य फसलों जैसे दालों और तिलहन तथा पोषक अनाज/श्री अन्न की खेती को बढ़ावा दे रही है, तथा इन फसलों के लिए उच्च एमएसपी की पेशकश कर रही है. खरीफ विपणन मौसम के अंतर्गत आने वाली 14 फसलों के लिए 2003-04 से 2013-14 की अवधि के दौरान, बाजरा के लिए एमएसपी में न्यूनतम निरपेक्ष वृद्धि 745 रुपये प्रति क्विंटल थी और मूंग के लिए अधिकतम निरपेक्ष वृद्धि 3,130 रुपये प्रति क्विंटल थी, जबकि 2013-14 से 2023-24 की अवधि के दौरान मक्का के लिए एमएसपी में न्यूनतम निरपेक्ष वृद्धि 780 रुपये प्रति क्विंटल थी और नाइजरसीड के लिए अधिकतम निरपेक्ष वृद्धि 4,234 रुपये प्रति क्विंटल थी. विवरण अनुलग्नक-I में दिया गया है.
वर्ष 2004-05 से 2013-14 की अवधि के दौरान खरीफ विपणन सत्र के अंतर्गत शामिल 14 फसलों की खरीद 4,675.98 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) थी, जबकि वर्ष 2014-15 से 2023-24 की अवधि के दौरान इन फसलों की खरीद 7,108.65 एलएमटी थी. वर्षवार विवरण अनुलग्नक-II में दिया गया है. 2023-24 के लिए उत्पादन के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन 3288.6 लाख मीट्रिक टन (LMT) होने का अनुमान है, और तिलहन उत्पादन 395.9 LMT को छूने वाला है. 2023-24 के दौरान चावल, दालों, तिलहन और पोषक अनाज/श्री अन्न और कपास का खरीफ उत्पादन क्रमशः 1143.7 LMT, 68.6 LMT, 241.2 LMT, 130.3 LMT और 325.2 लाख गांठ होने का अनुमान है.
स्त्रोत- PIB