साफ और सस्ती बिजली देने के लिए हमारी सरकार अब सौर ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है, इसीलिए देश के कई स्थानों पर सोलर पावर प्लांट लगाए जा रहे है. अब तो सरकार घर में सोलर प्लांट लगाने पर अनुदान भी दे रही है. लेकिन उचित स्थान की कमी के कारण लोग सोलर पैनल नहीं लगा पाते है. इसी समस्या को दूर करने के लिए दुर्गापुर के सेंट्रल मैकेनिकल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएमईआरआई) के वैज्ञानिकों ने सोलर ट्री बनाया है. जिसे घर में उचित स्थान पर लगाकर जीवनभर मुफ्त की बिजली मिल सकती है.
सोलर पैनल बड़े आकार के होते है जिनके चलते इन्हें कही भी लगाना संभव नहीं होता है. लोगों की इस समस्या को देखकर सीएमईआरआई के वैज्ञानिकों ने सोलर ट्री बनाया है. मिनिस्ट्री ऑफ साइंस के अंतर्गत आने वाले सीएमईआरआई ने बिजली देने वाले इन पेड़ों का विकास किया गया है . पंजाब के शहर जालंधर में आयोजित 106वीं इंडियन साइंस कांग्रेस में बिजली के पेड़ों का प्रदर्शन भी किया गया है.
साइंस कांग्रेस में हिस्सा लेने वाले वैज्ञानिकों के अनुसार इसे कम जगह में इस्तेमाल करने के लिए ही इस तकनीक को विकसित किया गया है. इसे एक वर्ग मीटर की जगह में आसानी से स्थापित किया जा सकता है. इस एक किलोवॉट क्षमता वाले सोलर पेड़ की ऊंचाई लगभग 6 फिट है. इस पेड़ में चार से पांच पैनल लगाए जा सकते है. पैनलों की आवश्कतानुसार इसकी लम्बाई बढ़ा कर और पैनल भी लगाए जा सकते हैं. 10 किलोवाट के सबसे बड़े पैनल के लिए 20 फुट लंबे ट्री की आवश्यकता होती है . इस ट्री पर 40 से 50 पैनल लगाए जा सकते हैं.
सीएमईआरआई के वैज्ञानिकों का मानना है कि एक किलोवाट वाले सोलर के पेड़ से 4-5 कमरों को जगमगाया जा सकता है साथ ही सभी कमरों में पंखे भी चलाये जा सकते है. इतना ही नहीं एक किलोवाट का सोलर पेड़ किसानों का पंप चलाने में भी सक्षम है. उन्होंने बताया की वृक्ष में पैनल को इस तरह लगाया गया है की सूरज निकलने से अस्त होने तक सभी एंगल से किरणें इस पैनल पर गिरती रहेंगी. सोलर ट्री में एक ऐसा सेंसर लगाया गया है जो रात होने पर अपने आप स्ट्रीट लाइट्स को जला देता है. केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के घर में भी एक सोलर ट्री लगाया गया है.