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Updated on: 15 May, 2020 2:04 PM IST

मध्यप्रदेश की सरकार हर-दम किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती है. कोरोना संकट के बीच सरकार ने किसानों के हित में एक और जबरदस्त फैसला लिया है. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने निजी क्षेत्र में मंडियां और नए खरीदी केंद्र आरंभ करने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि किसान भाईयों को उनकी फसल का सही मूल्य दिलाना सरकार का कर्तव्य है और ऐसे करने से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और किसानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा. इससे दलालों और बिचौलियों से किसानों को छुटाकारा भी मिलेगा. किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए कई विकल्प मिलेंगे. किसान जहां चाहेगा वहां अपनी सुविधानुसार फसल बेच सकेंगा. यह बात उन्होंने मंत्रालय में मंडी नियमों में संशोधन पर चर्चा के दौरान कहे.

अब मध्यप्रदेश में कृषकों के हित में मंडी अधिनियम और नियमों में किए गए बदलावों में सबसे महत्वपूर्ण है निजी मंडी की स्थापना, इलेक्ट्रानिक ट्रेडिंग की अनुमति, संपूर्ण राज्य के लिए एकीकृत व्यापार लायसेंस, संचालक को संपूर्ण प्रदेश में कृषि विपणन संबंधी नियमन और नियंत्रण के अधिकार तथा प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड के अधिकार क्षेत्र केवल शासकीय मंडियों में अधोसंरचना विकास, किसान सुविधाएं, बोर्ड बैठक इत्यादि तक सीमित तथा मंडी क्षेत्र का क्षेत्राधिकारी मंडी प्रांगण तक किसानों को उनकी फसल का ज्यादा से ज्यादा से दाम दिलवाने में सहायता करेंगे.

किसान इन बातों का रखें ख्याल

- सौदा पत्रक किसानों के लिए लाभकारी है.

-किसान अपनी फसल कम दामों में और उधार ना बेचे.

- मंडी समितियों के लिए उप विधियों में संशोधन द्रारा सौदा पत्रक के माध्यम से व्यापारियों को सीधे किसान से उपज खरीदी की सुविधा प्रारंभ की गई है. इससे मंडियों में भीड़ कम होने से कोरोना संक्रमण से बचाव हुआ.

- अभी तक मंडियों से कुल उपज का 80 फीसदी सौदा पत्रक के माध्यम से क्रय किया गया है.

- किसान उपभोक्ता बाजार, इलेक्ट्रानिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म के लिए मंडी शुल्क के निर्धारण पर भी विचार किया जा रहा है.

English Summary: By amending the mandi rules, farmers will get maximum benefit of their crop, know what is the whole matter
Published on: 15 May 2020, 02:06 PM IST

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