सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 7 April, 2020 4:03 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने पहले  ही किसानों को फसल अवशेष (पराली) न जलाने का आदेश दिया हैं. इस लॉकडाउन में भी उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में प्रदूषण को रोकने के लिए फसलों के अवशेष ना जलाने का आदेश दिया गया है. यदि किसान इस आदेश का उल्लंघन करते पाए जाते है तो उनके खिलाफ उचित कार्यवाही (जुर्माना) की जाएगी. इसके लिए जिला स्तर पर एक कैमेटी गठित की गई है.

बता दें ,खेतों में फसलों के अवशेष, डंठल व भूसा जलाने से वायु प्रदूषित हो जाती है या यूं कहें कि वायु प्रदूषण बढ़ता है. इतना ही नहीं खेतों में पराली जलाने  से खेतों की उर्वरा शक्ति भी घट जाती है क्योकी खेत में उपस्थित लाभदायक जीवाणु पराली के साथ जल जाते है. जिससे पैदावार पर भी असर पड़ता है.  इसे रोकने के लिए ललितपुर प्रशासन द्वारा उपजिलाधिकारी की देखरेख में न्याय पंचायत स्तर पर कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं.

बता दें, न्याय पंचायत स्तर गठित टीमें संबंधित ग्राम में पराली ना जलाए जाने के लिए जरुरी कदम उठाएंगी. यदि न्याय पंचायत स्तर पर पराली, गेहूं के डंठल, भूसा आदि जलाया जाता है तो उस न्याय पंचायत से संबंधित नियुक्त कर्मचारी और  लेखपाल की होगी. किसानों के फसल अवशेष न जलाने पर रोक लगाने के लिए लेखपाल एवं ग्राम प्रधान द्वारा इसकी सूचना व्हाट्सएप ग्रुप एवं दूरभाष के माध्यम से तहसील स्तर दी जाएगी. अधिकारी पराली जलाने वाले किसान पर कार्रवाई करेंगे.

जोत के हिसाब से लगेगा जुर्माना

बता दें, जिन किसानों के पास दो एकड़ भूमि है. ऐसे किसान पराली अपने खेत में जलाते हैं तो उनसे दो हजार पांच सौ रुपए जुर्माने के रूप में वसूला जाएगा. इसके अलावा दो एकड़ से अधिक व पांच एकड़ कम वाले  किसानों से पांच हजार से लेकर पंद्रह हजार रुपए तक का जुर्माना वसूला जाएगा. आवश्यकता पड़ने पर थानाध्यक्ष द्वारा रिपोर्ट दर्ज भी कराई जाएगी.

English Summary: Burning stubble in lockdown will attract such fine
Published on: 07 April 2020, 04:13 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now