Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 6 March, 2020 5:20 PM IST

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने 3 मार्च को नई दिल्‍ली में पूसा कृषि विज्ञान मेला-2020 के समापन समारोह के सम्बोधन में कहा कि 2022 तक किसानों की आय दोगुना करना सरकार की पहली प्रथमिकता है. यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं.

राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि साल 2013-14 में किसानों की औसत आय 6,426 रुपये थी जबकि साल 2016-17 में यह बढ़कर 8,167 रूपये हो गई, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री ने कहा  कि हमें विश्वास है कि प्रधानमंत्री द्वारा  निर्धारित लक्ष्य तय समय सीमा के पहले ही पूरा कर लिया जाएगा.

उन्होंने  बताया कि साल 2014 के पहले कृषि का बजट  25,000-30,000 करोड़ के बीच हुआ करता था लेकिन अब यह बढ़कर 1,50,000 करोड़ रुपये के पार हो गया है. उन्होंने बताया, "जो पैसे पहले किसान पांच साल में पाते थे, वही उतना नरेंद्र मोदी सरकार एक साल में ही दे रही है. हमारी सरकार का बजट पहले की सरकार के तुलना में कई गुना बढ़ा  है."  भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर)  की सराहना करते हुए, नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद ने संतोष व्यक्त किया कि तीन-दिवसीय मेले के दौरान बीजों की बिक्री 45 लाख रुपये से अधिक हुई.अब भारत अपनी उपज का 6-7 प्रतिशत निर्यात कर रहा है.

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक एवं कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (डीएआरई)  के सचिव त्रिलोचन महापात्र  बताया कि इस बार कृषि विज्ञान मेले में 80,000 किसानों ने भाग लिया. उन्होंने यह भी बताया कि "मेरा गांव, मेरा गौरव"  स्कीम के तहत 13,500 को गांवों के किसानों को कवर किया जा रहा है. कृषि वैज्ञानिक इन सभी गांवो में जाकर किसानों की समस्याओं को देखने के साथ उनके अनुभव को भी सीखते हैं और आईसीएआर को अपनी प्रतिक्रिया का सुझाव देते हैं. उन्होंने बताया कि किसान मेलों के जरिए देश के दूरदराज के किसान एक दूसरे से मिलकर अपने अनुभवों को शेयर करते हैं.

इस अवसर पर चौधरी और अन्य गणमान्य लोगों ने आईसीएआर प्रकाशनों का विमोचन किया.

English Summary: Budget of farmers increased five times under Modi rule
Published on: 06 March 2020, 05:26 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now