केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केन्द्रीय बजट 2021-22 पेश करते हुए कहा कि सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान विशेष रूप से कमजोर और वंचित वर्गों की सुरक्षा के लिए अनेक उपाय किए हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि तीन सप्ताह लंबे लॉकडाउन की घोषणा के 48 घंटों के अंदर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री गरीब कल्यालण योजना (पीएमजीकेवाई) की घोषणा की थी. 2.76 लाख करोड़ रुपए की लागत से पीएमजीकेवाई ने 800 मिलियन लोगों को मुफ्त खाद्यान्न, 80 मिलियन परिवारों को महीनों तक मुफ्त खाना पकाने की गैस, 400 मिलियन से अधिक किसानों, महिलाओं, बुजुर्गों, गरीबों और जरूरतमंदों को सीधे नकद राशि उपलब्धन कराई गई है.
कमजोर वर्गों के लिए किए गए उपायों के अनुपालन में वित्त मंत्री ने अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं के लिए स्टैंड अप इंडिया योजना के तहत नकदी प्रवाह सहायता को आगे बढ़ाने की घोषणा की. मार्जिन मनी की जरूरत 25 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत करने और कृषि से संबंधित गतिविधियों के लिए ऋणों को भी शामिल करने का प्रस्ताव किया गया. वित्त मंत्री ने असम और पश्चिम बंगाल में चाय मजदूरों, विशेष रूप से महिलाओं और उनके बच्चों के लिए 1000 करोड़ रुपए उपलब्ध कराने का प्रस्ताव किया है. इसके लिए एक विशेष योजना तैयार की जाएगी.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में 750 एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूल स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. उन्होंने कहा कि ऐसे प्रत्येक स्कूल की लागत 20 करोड़ से बढ़ाकर 38 करोड़ तथा पहाड़ी और कठिन क्षेत्रों में 48 करोड़ रुपए करने का भी प्रस्ताव किया गया है.
उन्होंने यह भी कहा कि अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना को नए सिरे से तैयार किया गया है और इस संबंध में केंद्रीय सहायता बढ़ाई गई है. 2025-26 तक छह वर्षों के लिए कुल 35,219 करोड़ रुपए का आवंटन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इससे अनुसूचित जाति के 4 करोड़ छात्रों को लाभ मिलेगा. वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि इस वर्ष एमएसएमई क्षेत्र के लिए परिव्यय बढ़ा कर 15,700 करोड़ रुपए किया जा रहा है.
युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने के उपाय
सरकार ने युवाओं के लिए अप्रेंटिसशिप अवसरों को बढ़ाने के दृष्टिकोण से अप्रेंटिसशिप अधिनियम में संशोधन करने का प्रस्ताव किया है. वित्त मंत्री ने कहा कि शिक्षा के बाद अप्रेंटिसशिप, इंजीनियरिंग में स्नातकों और डिप्लोमाधारकों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए मौजूदा राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण योजना (एनएटीएस) को 3000 करोड़ रुपए से अधिक राशि के प्रावधान के साथ संशोधित किया जाएगा.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ भागीदारी में कौशल योग्यता, आकलन और प्रमाणीकरण के साथ-साथ प्रमाणीकृत कर्मियों की तैनाती के निर्धारण के लिए एक पहल प्रक्रियाधीन है. जापानी औद्योगिक और व्यावसायिक कौशल तकनीक और ज्ञान के हस्तांतरण में सहायता के लिए जापान और भारत में एक सहयोगात्मक ट्रेनिंग इंटर ट्रेनिंग प्रोग्राम (टीआईटीपी) भी चल रहा है. वित्त मंत्री ने कहा कि अधिक से अधिक देशों के साथ ऐसी पहल की जाएंगी.