पराली की समस्या से निपटारे के लिए दिल्ली व पंजाब सरकार दोनों ने मिलकर एक योजना बनाई है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली व पंजाब में आम आदमी पार्टी की ही सरकार है. ऐसे में दोनों सरकार ने पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए बायो डीकंपोजर के साथ एक साथ आई हैं. जिसके लिए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय व पंजाब के कृषि मंत्री सरदार कुलदीप सिंह धालीवाल ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (पूसा) के विशेषज्ञों के साथ बैठक की.
पराली की समस्या से निपटारे के लिए दिल्ली व पंजाब सरकार दोनों ने मिलकर एक योजना बनाई है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली व पंजाब में आम आदमी पार्टी की ही सरकार है. ऐसे में दोनों सरकार ने पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए बायो डीकंपोजर के साथ एक साथ आई हैं. जिसके लिए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय व पंजाब के कृषि मंत्री सरदार कुलदीप सिंह धालीवाल ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (पूसा) के विशेषज्ञों के साथ बैठक की.
पराली जलाने की समस्या
खरीफ सीजन में फसल की कटाई के बाद किसान पराली को जला देते हैं. यह अक्सर पंजाब हरियाणा में देखा जाता है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि किसानों के पास और विकल्प नहीं होते हैं और उन्हें दूसरी फसल के लिए जल्द से जल्द तैयारी करनी होती है. पराली से निकलने वाले धुएं राज्यों के साथ पड़ोसी राज्यों को भी प्रदूषित करता है. इसका सबसे ज्यादा असर दिल्ली में देखने को मिलता है. दिल्ली में प्रदूषण के कारण विजिबिलिटी बहुत कम होने लगती है और हवा भी बेहद खराब हो जाती है.
बायो डीकंपोजर
बायो डीकंपोजर जैविक खाद की तरह ही काम करता है और इससे मिट्टी की उर्वरता और उत्पादकता में सुधार होता है. इससे उर्वरकों पर निर्भरता कम होती है. पराली जलाने से न केवल पर्यावरण प्रदूषित होता है, बल्कि यह मिट्टी की उर्वरता को भी कम करता है क्योंकि यह लाभकारी सुक्ष्म जीवों और कवक को नष्ट कर देता है. बायो-डीकंपोजर का छिड़काव न केवल पर्यावरण के अनुकूल प्रक्रिया है बल्कि यह प्रभावी, कुशल, सस्ता और उत्पादक भी है. पंजाब में कृषि क्षेत्रों में मुक्त जैव-डीकंपोजर स्प्रे करने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (पुसा) की देखरेख में चलाया जाएगा.
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पंजाब में बायो डीकंपोजर
पंजाब सरकार पहली बार यह पहल शुरू कर रही है, इसलिए पूरे राज्य में इसका विस्तार करने से पहले, कुछ क्षेत्रों में इसका परीक्षण किया जाएगा. सरकार बायो-डीकंपोजर स्प्रे के इस्तेमाल के बारे में किसानों को शिक्षित करने के लिए एक अभियान भी शुरू करेगी. यह सुनिश्चित करने के लिए कि परियोजना समय पर पूरी हो जाए, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान इसको लेकर एक विस्तृत योजना तैयार करेगा.