नेरौबी (केन्या): 17 नवंबर को अफ्रीकी देश के नैरोबी विश्वविद्यालय और Africa.com ने ‘अफ्रीका में खाद्य सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन में नवाचार ’ विषय पर एक सम्मेलन आयोजित किया गया. इस सम्मेलन में नैरोबी के 5 सौ छात्र शामिल हुए. साथ ही वर्चुअल मोड में अफ्रीका सहित दुनिया के कई हिस्सों से लोग इस सम्मेलन से जुड़े.
दुनिया भर में अपनी पत्रकारिता का लोहा मनवा चुके अफ्रीकी जर्नलिस्ट उडुआक अमीमो ने दुनिया भर में नैरोबी से लाइव चर्चा का संचालन किया. वर्चुअल दर्शकों की मेजबानी Africa.com की अध्यक्ष टेरेसा क्लार्क ने की.
कार्यक्रम में बिल गेट्स और कॉलेज के छात्रों के बीच हुई चर्चा पर प्रकाश डाला गया. टाउन हॉल चर्चा 60 मिनट तक चली. यह अफ्रीका में जलवायु परिवर्तन, गरीबी उन्मूलन, लैंगिक समानता, बीमारियो के उपचार खाद्य सुरक्षा के मुद्दों पर केंद्रित रही. अफ्रीका में खाद्य सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन के समाधान के बारे में लगातार चर्चाएं चल रही हैं.
इस साल का संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित COP-27 जलवायु सम्मेलन भी अफ्रीकी महाद्वीप पर हो रहा है. विशेषज्ञों के अनुसार, जलवायु परिवर्तन उप-सहारा अफ्रीका में जीवन और आजीविका के संसाधनों को खतरे में डाल रहा है.
बिल गेट्स के मुताबिक, अगले चार सालों में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन अफ्रीका में 7 अरब डॉलर ( करीब 5.72 हजार करोड़ रुपये) निवेश करेगा. उन्होंने कहा कि यह आर्थिक मदद अफ्रीका को जलवायु परिवर्तन, गरीबी उन्मूलन, लैंगिक समानता, बीमारियों के उपचार और भुखमरी से लड़ने में मदद करेगी.
बिल गेट्स ने इस हफ्ते, केन्याई और क्षेत्रीय साझेदारों से यहां की स्थितियां जानने के लिए और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा सुविधाओं का दौरा भी किया. माइक्रोसॉप्ट के सह संस्थापक और अध्यक्ष ने इस दौरान केन्याई राष्ट्रपति विलियम रूटो से भी मुलाकात की.
भाषण में माइक्रोसॉफ्ट के अध्यक्ष ने कहा कि अफ्रीकी युवाओं में भविष्य की चुनौतियों से निपटने की क्षमताएं हैं. वैश्विक चुनौतियों से लड़ने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे.
हरित क्रांति के बारे में बात करते हुए बिल गेट्स ने कहा कि इसने वैश्विक कृषि परिदृश्य को बदल कर रख दिया. इसके अलावा उन्होंने खेती-किसानी में चल रही समस्याओं को हल करने पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि कृषि सुधार के लिए विश्व को एकजुट होकर प्रयास करने होंगे.
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बिल गेट्स ने अपने छात्र जीवन के अनुभव साझा करते हुए कहा कि मैंने अपनी हार्वर्ड की डिग्री बीच में ही छोड़ दी, क्योंकि में कुछ जल्द ही शुरु करना चाहता था. लेकिन मैंने अलग-अलग माध्यमों से पढ़ना जारी रखा. उन्होंने कहा कि वे अपनी डिग्री पूरी नहीं कर सके इस बात का उन्हें अब तक मलाल है. लेकिन यहां मौजूद सभी छात्र अपनी डिग्री जरूर पूरी करें.