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Updated on: 10 October, 2025 10:10 AM IST
‘बीज मसाले योजना’ ( Image source - AI generate)

बिहार के किसानों के लिए खेती अब मुनाफे का सौदा बनती जा रही है, क्योंकि राज्य सरकार लगातार किसानों के सहयोग के लिए नई-नई योजनाएं शुरू कर रही है। इन योजनाओं का उद्देश्य है कि किसान परंपरागत फसलों से हटकर नकदी (कैश) फसलों की ओर बढ़ें और आर्थिक रूप से समृद्ध बनें।

इसी क्रम में बिहार सरकार ने ‘बीज मसाले योजना’ की शुरुआत की है। इस योजना के तहत जो किसान धनिया, मेथी, सौंफ, मंगरैला और अजवाइन जैसी मसालों की खेती करते हैं, उन्हें 40% तक का बड़ा अनुदान (Subsidy) दिया जाएगा। यह वित्तीय सहायता किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ-साथ उनकी फसल की उत्पादन क्षमता में भी सुधार करेगी।

योजना से कितना होगा लाभ?

इस योजना के तहत मसाले की खेती करने वाले किसानों को सरकार प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये की लागत पर 40% तक का अनुदान प्रदान करेगी। सरकार इस सहायता राशि को दो किस्तों में किसानों को उपलब्ध कराएगी-

  • पहले वर्ष: ₹12,000

  • दूसरे वर्ष: ₹8,000

इस प्रकार किसानों को कुल ₹20,000 तक की आर्थिक सहायता दो वर्षों में दी जाएगी। इस वित्तीय मदद से किसान उच्च गुणवत्ता वाले बीज खरीद पाएंगे, जिससे उनकी फसल की उत्पादकता बढ़ेगी और लागत घटेगी।

योजना से किसानों को मिलने वाले प्रमुख फायदे

  1. वित्तीय सहायता

किसानों को सरकार द्वारा प्रति हेक्टेयर ₹50,000 की अनुमानित लागत पर 40% तक की सब्सिडी दी जाएगी। यह राशि दो किस्तों में दी जाएगी, जिससे किसानों को खेती के शुरुआती चरणों में भी पूंजी की दिक्कत नहीं होगी।

  1. सर्वोत्तम बीज की गुणवत्ता

सरकार किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज (High-Quality Seeds) उपलब्ध कराएगी, जिससे उत्पादन और तेल की मात्रा दोनों में बढ़ोतरी होगी। इससे किसानों को बेहतर उपज और अच्छा बाजार मूल्य प्राप्त होगा।

  1. किसानों की आय में वृद्धि

धनिया, मेथी और अन्य मसालों की खेती कम लागत और अधिक मुनाफे वाली फसलें मानी जाती हैं। इस योजना के तहत मिलने वाली सहायता से किसान इन फसलों की ओर आकर्षित होंगे, जिससे उनकी आय और आर्थिक स्थिति दोनों में सुधार होगा।

कौन होंगे पात्र (Eligibility Criteria)?

इस योजना का लाभ केवल बिहार राज्य के किसानों को ही मिलेगा। इसके लिए कुछ पात्रता शर्तें निर्धारित की गई हैं:

  • आवेदक बिहार का निवासी और किसान होना चाहिए।

  • जिन किसानों के पास न्यूनतम 0.25 एकड़ (0.1 हेक्टेयर) से लेकर अधिकतम 10 एकड़ (4 हेक्टेयर) कृषि भूमि है, वही इस योजना का लाभ ले सकते हैं।

  • योजना में विभिन्न वर्गों के लिए भागीदारी इस प्रकार निर्धारित की गई है:

  • सामान्य वर्ग: 78.56%

  • अनुसूचित जाति (SC): 20%

  • अनुसूचित जनजाति (ST): 1.44%

  • महिलाएं: 30% भागीदारी निर्धारित।

  • आवेदक का डीबीटी पोर्टल (DBT Portal) पर पंजीकरण होना अनिवार्य है। बिना पंजीकरण वाले किसानों को योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

कैसे करें आवेदन? (Application Process)

  1. आवेदनकर्ताओं को सबसे पहले डीबीटी पोर्टल पर जाकर अपना पंजीकरण (Registration) कराना होगा।

  2. पंजीकरण के दौरान आधार सत्यापन (Aadhaar Verification) अनिवार्य है।

  3. ध्यान रखें कि किसान का मोबाइल नंबर आधार से लिंक होना चाहिए।

  4. आवेदन करते समय किसान को निम्नलिखित विवरण सही-सही भरने होंगे:

  • किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की जानकारी

  • भूमि विवरण

  • बैंक खाता विवरण

  • व्यक्तिगत जानकारी

  • गलत जानकारी भरने पर आवेदन रद्द (Cancel) किया जा सकता है।

  1. पंजीकरण के 48 घंटे बाद, किसान अपने 13 अंकों के पंजीकरण नंबर की मदद से इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

योजना का उद्देश्य

‘बीज मसाले योजना’ का मुख्य उद्देश्य किसानों को प्रोत्साहित करना है कि वे मसाला फसलों की वैज्ञानिक और वाणिज्यिक खेती करें। इन फसलों की बाजार में लगातार मांग बनी रहती है, जिससे किसान स्थायी आमदनी अर्जित कर सकते हैं। इसके अलावा, इस योजना के तहत राज्य में कृषि विविधीकरण (Crop Diversification) को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

English Summary: Bihar will provide huge subsidy up to 40 percent to farmers under Bihar Beej Masale Yojana
Published on: 10 October 2025, 12:34 AM IST

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