किसानों के लिए साकाटा सीड्स की उन्नत किस्में बनीं कमाई का नया पार्टनर, फसल हुई सुरक्षित और लाभ में भी हुआ इजाफा! Success Story: आलू की खेती में बढ़ी उपज और सुधरी मिट्टी, किसानों की पहली पसंद बना जायडेक्स का जैविक समाधान रबी सीजन में कमाना चाहते हैं मोटा मुनाफा? उगाएं मटर की ये टॉप 3 उन्नत किस्में किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
फार्मर्स फर्स्ट परियोजना के तहत 42 परिवारों को चूजे वितरित

बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना ने ग्रामीण परिवारों की पोषण और आजीविका सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। विश्वविद्यालय द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (आईसीएआर), नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित 'फार्मर्स फर्स्ट परियोजना' के तहत क्षमता-विकास सह चूजा वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

यह कार्यक्रम निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. एन. एस. दहिया के कुशल मार्गदर्शन में संपन्न हुआ, जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण परिवारों में बैकयार्ड पोल्ट्री को बढ़ावा देकर पोषण एवं आजीविका सुरक्षा को सुदृढ़ करना है। कार्यक्रम के दौरान, हाजीपुर प्रखंड के सेन्दुआरी गांव के कुल 42 लाभार्थी कृषक परिवारों को चूजे वितरित किए गए, ताकि वे घरेलू स्तर पर पोल्ट्री पालन को अपनाकर अपनी आय और पोषण में सुधार कर सकें।

कार्यक्रम का सफल संचालन परियोजना के प्रधान अन्वेषक डॉ. वाई. एस. जादौन तथा सह-समन्वयक डॉ. कौशलेंद्र कुमार, सहायक प्राध्यापक, बिहार वेटरनरी कॉलेज, पटना द्वारा किया गया।

लाभार्थियों को संबोधित करते हुए डॉ. जादौन ने परियोजना के उद्देश्यों एवं लाभों पर प्रकाश डाला और बैकयार्ड पोल्ट्री मॉडल को आय एवं पोषण सुधार का एक प्रभावी साधन बताया। उन्होंने किसानों को इसे अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। वहीं, डॉ. कौशलेन्द्र कुमार ने वैज्ञानिक एवं प्रबंधन विधियों की जानकारी देते हुए चूजों की देखभाल, भोजन प्रबंधन एवं रोग नियंत्रण पर विस्तृत तकनीकी जानकारी प्रदान की। उन्होंने किसानों से संस्थान द्वारा उपलब्ध सहयोग का अधिकतम लाभ उठाकर उद्यमिता विकास की दिशा में आगे बढ़ने का आह्वान किया।

कार्यक्रम के अंत में इंटरैक्टिव सत्र एवं प्रायोगिक प्रदर्शनों का भी आयोजन किया गया, जिससे किसानों में जागरूकता बढ़ी और उन्होंने पोल्ट्री पालन को एक विश्वसनीय आय स्रोत के रूप में अपनाने में रुचि दिखाई। विश्वविद्यालय के कुलपति, डॉ. इंद्रजीत सिंह ने प्रसार शिक्षा निदेशालय एवं फार्मर्स फर्स्ट परियोजना टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल ग्रामीण परिवारों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी तथा पोषण व आजीविका सुरक्षा के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

English Summary: Bihar Pashu Vigyan Vishwavidyalaya initiative Chicks distributed to 42 families under Farmers First project
Published on: 03 December 2025, 07:12 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now