हमारे देश में गन्ने की खेती बड़े पैमाने पर होती है. साथ ही गन्ने का इस्तेमाल चीनी बनाने के साथ-साथ मिठाई बनाने में किया जाता है. इसकी अलावा गन्ने की मांग बाजारों में 12 माह बनी रहती है और यह एक ऐसी फसल है, जिसकी एक बार बुवाई करने पर इससे किसानों को कई मर्तबा उत्पादन मिल जाता है.
वहीं इस फसल की पैदावार बढ़ाने के लिए सरकार भी जोर दें रही है और मुख्यमंत्री गन्ना विकास योजना लेकर आयी है, जिसके तहत गन्ना किसानों को बीज खरीदने पर सरकारी अनुदान दिया जा रहा है. इसके अलावा सरकार का यह उद्देश्य है गन्ने की कीमत को उत्पादन बढ़ाना और किसानों की आय में इजाफा करना है.
बीज खरीद पर मिलेगा अनुदान
कृषि विभाग के अनुसार, इस योजना के तहत जो किसान ऑनलाइन आवेदन कर रहे हैं. उनको सरकार अनुदान वर्ग के आधार पर मुहैया करवाएंगी. योजना के तहत प्रमाणित गन्ना बीज की खरीद पर सामान्य वर्ग के किसानों को 210 रुपये प्रति क्विंटल का अनुदान मिलेगा और वहीं अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) वर्ग के किसानों को सरकार 240 रुपये प्रति क्विंटल तक अनुदान मुहैया करवाएंगी. साथ ही इस राशि को सरकार सीधा किसानों के खाते में भेजेगी.
इन दो चरणों में होगी प्रक्रिया
मुख्यमंत्री गन्ना विकास योजना की प्रक्रिया दो चरणों में की जाएगी पहले चरण में किसानों द्वारा किए गए आवेदन और उनके सभी जरुरी कागजों की दस्तावेजों की जांच पड़ताल की जाएगी. उसके बाद विभाग की ओर से सरकार पात्र किसानों को बीज खरीद के लिए स्वीकृति पत्र जारी कर देगी और जब सभी किसानों को यह स्वीकृति पत्र मिल जाएगा तो वह सात दिनों के भीतर ही बीजों को खरीदकर अपने खेतों में बुवाई कर सकते हैं. इसके अलावा किसानों को गन्ना बीज खरीद की कैश मेमो ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करनी जरुरी होगी ताकि अगली प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सकें.
कब होगा खेतों का भौतिक सत्यापन?
दूसरे चरण में कृषि विभाग की टीम पात्र किसानों के खेतों का सत्यापन करेंगी और इस पूरी प्रक्रिया के दौरान कृषि टीम खेतों में यह जांच करेंगी की किसान ने अपने खेतों में गन्ने की खेती की है या नहीं. इस सत्यापन के पूरे होने के बाद ही किसानों के खाते में अनुदान का पैसा भेजा जाएगा.
प्रशिक्षण से बढ़ेगी उत्पादकता
मुख्यमंत्री गन्ना विकास योजना के तहत सरकार चयनित किसानों को प्रशिक्षण की सुविधा भी उपलब्ध करवाएंगी, जिससे किसानों को नई तकनीकों के इस्तेमाल की जानकारी मिलेगी ताकि वह इस प्रशिक्षण के माध्यम से अपनी खेती की पैदावार में बढ़ोतरी कर सकेंगे और साथ ही गन्ने की गुणवत्ता में भी सुधार होगा.
कहां करें संपर्क
जिन किसानों ने इस योजना के लिए आवेदन किया है. वह इस योजना से जुड़ी सभी जानकारी सहायक निदेशक ईख विकास और ईख पदधिकारी के कार्यालय में जाकर सभी जानकारी आसानी से जान सकते हैं.
वहीं कृषि विभाग का यह मानना है कि इस योजना से गन्ना उत्पादन में बढ़ोतरी होने के साथ रीगा चीनी मिल से जुड़े किसानों की आर्थिक स्थिति में भी काफी हद तक सुधार आएगा.