Titar Farming: किसानों के लिए है बेहद फायदेमंद तीतर पालन, कम लागत में होगी मोटी कमाई ग्रीष्मकालीन फसलों का रकबा बढ़ा, 7.5% अधिक हुई बुवाई, बंपर उत्पादन होने का अनुमान Rural Business Idea: गांव में रहकर शुरू करें कम बजट के व्यवसाय, होगी हर महीने लाखों की कमाई आम को लग गई है लू, तो अपनाएं ये उपाय, मिलेंगे बढ़िया ताजा आम एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान!
Updated on: 28 April, 2020 5:32 PM IST

कोरोना के कहर ने वैसे तो आम तौर पर सभी किसानों को नुकसान पहुंचाया है, लेकिन सबसे अधिक हालत लीची व्यापारियों एवं किसानों की खराब है. मुजफ्फरपुर की शाही लीची केकिसानों को तो मानो इस संकट की घड़ी में कुछ सुझ ही नहीं रहा है. पिछली बार चमकी बुखार ने इस व्यापार की कमर तोड़ दी थी और इस बार की रही-सही कसर कोरोना ने पूरा कर दिया. हालांकि किसानों की समस्याओं को समझते हुए अब सरकार ने स्वयं मोर्चा संभाल लिया है.

सरकार ने संभाली कमान

बिहार की शान मुजफ्फरपुर की शाही लीची को देश के बाकी हिस्सों तक पहुंचाने का काम अब स्वयं बिहार सरकार ने उठा लिया है. लॉकडाउन के दौरान कृषि मंत्रालय मुजफ्फरपुर की शाही लीची के कारोबारियों और किसानों को फायदा देगी, इसके लिए रणनीति बना ली गई है.

सरकार करेगी हॉर्टिकल्चर मार्केटिंग

शाही लीची और आम के प्रति खरीददारों को आकर्षित करने के लिए सरकार अब खुद नए प्लेटफार्म के तहत हॉर्टिकल्चर मार्केटिंग ग्रुप तैयार करेगी. इस ग्रुप से देश के अलग-अलग बड़े उत्पादकों और व्यवसाइयों को जोड़ा जाएगा. वहीं लोगों को लीची के बारे में बताने के लिए सोशल मीडिया का सहारा भी लिया जाएगा.

इस तरह काम करेगा ग्रुप

इस ग्रुप में देश भर के उत्पादक और कारोबारी आपसमें संवाद कर मोल-भाव कर सकेंगें. इतना ही नहीं वर्तमान में आ रही शिकायतों या किसी तरह की मदद या सहायता के बारे में भी मंत्रालय को अवगत करा सकेंगें.

बिहार की लीची को मिल चुका है जीआई टैग

बिहार की लीची अपनी विशेषताओं के कारण दुनया भर में प्रसिद्ध है. यही कारण है कि इसे जीआई टैग भी मिल चुका है. प्रदेश के मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, वैशाली, पूर्वी चंपारण और बेगूसराय के इलाकों में इसकी खेती मुख्य तौर पर होती है.

क्या है जीआई टैग?

जीआई टैग का मतलब जियोग्रॉफिल इंडीकेशन सर्टिफिकेशन से है, किसी क्षेत्र के विशेष उत्पादों को खास पहचान देने के लिए इस सर्टिफिकेट का उपयोग किया जाता है.

English Summary: bihar government will promote Lychee in lockdown will emhamce buiness of Lychee by horticulture marketing
Published on: 28 April 2020, 05:35 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now