बिहार सरकार ने सभी जिलों में मौसम के अनुकूल कृषि कार्यक्रम चलाने का फैसला किया है, जिसके बाद अब राज्य में तीन तरह की फसलों की खेती पर बात हो रही है. गौरतलब है कि सरकार पहले से ही इस कार्यक्रम को आठ जिलों में प्रयोग के तौर पर चला रही थी, जहां से परिणाम अच्छे आने के बाद इसे राज्यभर में लागू करने का निर्णय हुआ है.
इस तरह चलाया जाएगा कार्यक्रम
इस बार 30 जिलों के पांच-पांच गांवों में इस कार्यक्रम को चलाया जाना है, यहां मौसम के अनुकूल खेती को सरकार बढ़ावा देगी. इससे एक तरफ जहां किसानों को सरकारी मदद मिलेगी, वहीं उनकी लागत भी कम आएगी. सरकार का लक्ष्य है कि किसानों की लागत पूंजी को कम करते हुए फसलों का उत्पादन बढ़ाया जाए. हालांकि अभी किन-किन फसलों को इस कार्यक्रम में शामिल किया जाना है, इस बारे में कोई जानकारी नहीं आई है.
जल-जीवन-हरियाली का हिस्सा होगा कार्यक्रम
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मुताबिक मौसमी फसलों को बढ़ावा देने के साथ ही ये नया कार्यक्रम जल-जीवन-हरियाली अभियान का हिस्सा होगा. बिहार सरकार के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो 2008 के कृषि रोडमैप को पूरा किया जा चुका है और अब उस दिशा में तीसरे चरण पर काम हो रहा है.
सरकार देगी मदद
जानकारी के मुताबिक अगर राज्य के किसान मौसमी फसलों की खेती करते हैं, तो जल-जीवन-हरियाली योजना के तहत उन्हें सब्सिडी मिल सकती है.
डेढ़ लाख किसानों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य
राज्य सरकार नए साल में डेढ़ लाख से अधिक किसानों को मौसम अनुकूल कृषि कार्यक्रम के लिए प्रेरित करेगी. इसके लिए बक़ायदा कृषि वैज्ञानिकों को नियुक्त किया जाएगा, जो गांवों में जाकर किसानों को इसका महत्व बताएंगें.
किन किसानों को मिलेगी सरकारी मदद
नए कार्यक्रम में किसानों की मदद सरकार किस प्रकार करेगी, फिलहाल इस बारे में विस्तार से नहीं बताया गया है. लेकिन अंदाजा लगाया जा रहा है कि जल जीवन कार्यक्रम की थीम पर इसमें किसानों को कम से कम एक एकड़ खेतीके लिए सिंचाई पर सब्सिडी मिलना तय है.
किसानों की होगी श्रेणी
इसके साथ ही हो सकता है कि यहां भी किसानों को दो श्रेणी में बांटा जाए, जैसे- व्यक्तिगत श्रेणी और सामूहिक श्रेणी. व्यक्तिगत श्रेणी में उन किसानों को रखा जा सकता है, जो न्यूनतम एक एकड़ भूमि में सिंचाई कर रहे हैं, जबकि सामूहिक श्रेणी में एक एकड़ से छोटी जोत वाले किसानोंको शामिल किया जा सकता है.
विपक्ष ने उठाए सवाल
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मौसमी फसलों के कानून का पक्ष ले रहे हैं, लेकिन राजेडी ने सराकर के काम पर कई प्रश्न खड़े किए हैं. विपक्ष ने निशाना साधते हुए पूछा है कि क्या नीतीश कुमार बता सकते हैं, मौसमी फसलों को लेकर वो किस तरह काम करने वाले हैं.इसके साथ विपक्ष ने पूछा है कि 8 राज्यों में कितने किसानों को इसका फायदा हुआ, इसके बारे में सरकार खुलकर बताए. इतना ही नहीं, आरजेडी ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि वो राज्य के किसानों की आवाज़ नहीं सुन रहे, जो केंद्र के नए तीनों कृषि कानूनों के विरोध में हैं.