चाय हमारे जीवन का एक बड़ा ही अहम हिस्सा है, रोज सुबह जब हम उठते हैं तो शरीर में ताजगी लाने के लिए चाय का सेवन करते हैं, लेकिन हम जिस चाय का सेवन करते हैं, वह कहां और किस तरीके से उगाई जाती है हमें इसके बारे में पता होना बेहद जरुरी है, इसलिए आज का यह लेख देश के विभिन्न भागों में होने वाले चाय के उत्पादन से जुड़ा है. इस लेख में बिहार सरकार की एक नई स्कीम जिसमें वह चाय की खेती करने पर सब्सिडी दे रही है उसके बारे में है.
दरअसल, बिहार के किशनगंज जिले के मौसम को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से इसे चाय की खेती के लिए चुना गया है और साथ में यहां पर पैदा होने वाली चाय को “ बिहार की चाय” का नाम भी दिया गाया है. हालांकि किशनगंज में पहले से ही चाय की खेती की जाती रही है, पर इसको राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अब पहचान मिली है.
चाय की खेती पर किसानों को मिलेगी सब्सिडी
किशनगंज में चाय की खेती को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार की ओर से किसानों को 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा. राज्य सरकार की इस स्कीम में रुचि रखने वाले लोग इसके लिस 20 सितंबर 2022 तक आवेदने कर सकते हैं.
चाय की खेती के लिए निर्धारित लक्ष्य
बिहार सरकार की ओर से राज्य में चाय का उत्पादन बढ़ाने के लिए ज्यादा लाभ वाली फसलों की योजना शुरु की गई है, जिसमें चाय की खेती पर सब्सिडी देना भी शामिल है. इस योजना के तहत किशनगंज में चाय की खेती करने वाले किसानों को अनुदान दिया जाएगा. पिछले साल 90 हेक्टेयर में चाय की खेती का लक्ष्य निर्धारित था, लेकिन चाय की खेती में किसानों की बढ़ती रुचि को देखते हुए इसे बढ़ाकर 150 हैक्टेयर कर दिया गया है. बता दें कि इस योजना के तहत अब सभी 150 हेक्टेयर में खेती करने वाले किसानों को सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा और साथ में जिन लोगों ने जुलाई-अगस्त में चाय के पौधे लगाए हैं वो भी इस योजना के तहत लाभ लेने के अधिकारी होंगे. किसानों को सब्सिडी का पैसा सीधे खाते में भेजा जाएगा.
चाय की खेती के लिए इतना मिलेगा अनुदान
बिहार सरकार की “विशेष उद्यानिकी फसल योजना” के तहत उद्यानिकी विभाग द्वारा चाय का खेती करने के लिए प्रति हेक्टेयर 4 लाख 94 हजार रुपए की लागत तय की गई है. इस पर किसान को फसल की लागत का 50 प्रतिशत यानी कि 2 लाख 47 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की राशि किसानों को दी जाएगी. यह राशि किसानों को दो किस्तों में 75 और 25 प्रतिशत के अनुपात में दी जाएगी.
इन दस्तावेजों की होगी जरुरत
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आवेदने करने के लिए किसाने के पास आधार कार्ड होना जरुरी है.
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खेत का खसरा नंबर होना चाहिए.
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बैंक डिटेल के लिए पासबुक की फोटो कॉपी.
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आवेदन करने वाले किसान का फोटो.
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आधार कार्ड से लिंक मोबाइल नंबर.
योजना से जुड़े नियम व शर्तें
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इस योजना का लाभ सिर्फ किशनगंज के किसानों को ही दिया जाएगा.
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चाय की खेती के लिए पौधे किसान को ही खरीदने होंगे.
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सब्सिडी में मिलने वाला पैसा किसानों को दो किस्तों में दिया जाएगा, जिसमें पहली किस्त में 75 प्रतिशत और दूसरी किस्त में 25 प्रतिशत दिया जाएगा.
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नियमों के अनुसार सहायता राशि किसानों के खाते में आएगी.
विभिन्न जाति के लोगों को मिलेगा मौका
बिहार सरकार की इस चाय स्कीम के तहत चाय की खेती के क्षेत्र विस्तार के लिए किशनगंज जिले का चयन किया गया है और इस योजना के तहत अनुसूचित जाति के लिए 16 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के लिए 1 प्रतिशत और सभी वर्ग की महिला किसानों के लिए 30 प्रतिशत भागीदारी तय की जाएगी.
सब्सिडी के लिए कैसे करें आवेदन
विशेष उद्यानिकी फसल योजना तहत वित्त वर्ष 2022-23 के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरु हो चुके हैं. आवेदन करने के लिए किसान के पास 13 संख्या का डीबीटी नंबर होना जरुरी है, लेकिन जिन किसानों के पास नहीं है वे बिहार सरकार की dbtagriculture.bihar.gov.in इस वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं. इस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद किसान बिहार उद्यानिकी विभाग के इस पोर्टल horticulture.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन कर योजना का लाभ उठा सकते हैं. इसके अलावा योजना की जानकारी लेने के लिए अपने जिले के सहायक निदेशक उद्यान या प्रखंड उद्यान कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं.