रासायिनक उर्वरक का इस्तेमाल कम करने के लिए बिहार सरकार ने राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देने का प्रयास तेज किया है. भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने तथा उन्नत कृषि उपज पैदा करने के लिए केंद्र सरकार राज्यों को प्रोत्साहित कर रही है. प्रशासनिक सूत्रों के हवाले से मिली खबरे के मुताबिक बिहार में जैविक खेती को बढ़ावा देने का प्रयास तेज किया गया है. इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्र से किसानों के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही है. जैविक खेती करने में रुचि दिखाने वाले किसानों को सरकार सब्सिडी भी उपल्बध करा रही है. जिला प्रशासन की ओर से जैविक खेती के लिए किसानों की भूमि का पंजीयन कराने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है. जैविक खेती के लिए भूमि का पंजीयन कराने वाले किसानों को अपना कृषि उत्पाद बिक्री करने में भी प्रशासन की ओर से पूरा सहयोग मिलेगा.सरकार जैविक खेती करने वाले किसानों का कृषि उत्पाद बिक्री करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म उपलब्ध कराने में भी जुटी है.
प्राप्त खबरों के मुताबिक प्रथम चरण में बिहार सरकार ने राज्य के 13 जिलों में जैविक खेती को बढ़ावा देने का प्रयास तेज किया है. इसके लिए जैविक किसान समूह का गठन करने की प्रक्रिया भी शुरू हो हो चुकी है. भूमि का जैविक प्रमाणीकरण होने के बाद किसान सरकार से सब्सिडी पाने का भी हकदार हो जाएंगे.जिन किसानों ने जैविक खेती शुरू करने के लिए ऑनलाइन आवेदन किए थे उनको सरकार की ओर से अनुदान मिलने लगा है. बिहार सरकार ने राज्य के 13 जिलों में 21000 एकड़ क्षेत्र में जैवित खेती की शुरूआत करने की प्रक्रिया तेज कर दी है.
अब तक राज्य के जिन 12 जिलों में जैविक खेती की प्रक्रिया शुरू की गई है उसमें बक्सर, भोजपुर, सारण, वैशाली, पटना, नालंदा, समस्तीपुर, बेगुसराय, खगड़िया, भागलपुर, मुंगेर और लखीसराय शामिल है. अब तक 17,061 एकड़ में जैविक खेती की शुरुआत हो चुकी है. वर्ष 2019 – 20 में कटिहार जिला की राशि कोषागार से निकासी नहीं हो पाने के कारण वहां काम कुछ शिथिल रहा लेकिन 2020-2021 में जिले के 1000 एकड़ क्षेत्र में जैविक खेती शुरू कर दी गई. बिहार में जैविक खेती के लिए 362 कृषक समूहों का गठन किया गया है. राज्य में जैविक खेती किसानों के समूह के आधार पर किया जा रहा है तथा इसी के आधार पर समूह का पंजीयन भी किया जा रहा है. कुल 20,666 किसानों के पास जैविक खेती केलिए 17,061 एकड़ विस्तृत क्षेत्र है. सहकारिता वभाग के पास अभी भी 231 किसान समूहों का निबंधन करने के आवेदन जमा पड़े हैं.