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Updated on: 9 December, 2021 3:11 AM IST
Agriculture

धान की कटाई के बाद अक्सर किसान उससे बची पराली को जला देते हैं. पराली से निकलने वाला प्रदुषण न सिर्फ हमारी सेहत पर बुरा असर डालता है बल्कि यह खेतों की मिट्टी में मौजूद जरूरी पोषक तत्व को भी नष्ट कर देता है. इसी समस्या को मद्दे नज़र रखते हुए बिहार सरकार ने एक नयी पहल शुरू की है.

दरअसल, राज्य सरकार बढ़ते हुए प्रदुषण को रोकने के लिए धान की पराली को चारे के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए किसानों को कई तरह से प्रोत्साहित कर रही है. कृषि मंत्रालय ने भी इसके लिए किसानों को जागरूक किया है और करती आ रही है. हर जिले में इसके लिए पंचायत स्तर तक पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. साथ ही उन्हें चेतावनी भी दी जा रही है की अगर किसान फसल अवशेष को जलाते हैं तो उन्हें तमाम योजनाओं के लाभ से वंचित कर दिया जाएगा.

पराली का प्रबंधन और  इस्तेमाल (Straw Management And Use)

  • फसल अवशेष को कृषि यंत्रों के माध्यम से इकट्ठा कर पशुचारा के रूप में उपयोग किया जा सकता है.

  • स्ट्रॉ बेलर मशीन खेतों में बिखरे हुए फसल अवशेष को एकत्रित कर ठोस वर्गाकार बना देता है. इससे फसल अवशेष को एक जगह से दूसरे जगह आसानी से ले जाया जा सकता है, तथा लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है.

  • इस मशीन की सहायता से किसान अपने पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था कर सकते हैं.

  • साथ ही पशुचारे को बाजार में बेचकर अतिरिक्त आमदनी भी प्राप्त कर सकते हैं.

  • इसके अलावा सरकार बेलर मशीन (Baler Machine) पर 80 प्रतिशत तक अनुदान (Grant) की सहायता राशि भी दे रही है .बता दें बिहार सरकार बेलर मशीन की खरीददारी पर 80 फीसदी तक अनुदान दे रही है. इसके लिए संबंधित किसानों को जिला प्रशासन और दूसरी एजेंसियों को भी लगाया गया है ताकि किसान को सही जानकारी मिल सके.

इस खबर को भी पढें - खेत की पराली को आग में नही, धन में बदलिए

सरकार का उद्देश्य (Purpose Of Government)

बता दें पूरे प्रदेश में इस साल तकरीबन 260 मीट्रिक टन पशुचारा  बनाने के उद्देश्य से एवं प्रदुषण से बचाव के लिए सरकार यह पहल कर रही है. इसके अलावा तकरीबन 70 से अधिक किसानों के खिलाफ पराली जलाने के मामले में सरकार ने कार्रवाई की है. किसानों को मिलने वाली सभी सरकारी अनुदान एवं सहायता रद्द कर दिया है. सरकार इस मसले को लेकर किसानों को कई बार आगाह कर चुकी है, कि पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए पराली को ना जलाएं बल्कि इसका पारंपरिक तरीके से इस्तेमाल कर मवेशियों का चारा बनाएं या फिर इसके व्यावसायिक रूप में इस्तेमाल  करने के लिए एकत्रित करें.

English Summary: bihar government is warning farmers not to burn stubble
Published on: 09 December 2021, 04:47 PM IST

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