बिहार सरकार की कृषि यांत्रिकीकरण योजना समस्तीपुर जिले के किसानों के लिए एक वरदान साबित हो रही है. इस योजना के माध्यम से किसान अब खेती को आधुनिक तकनीकों के साथ कर सकते हैं. यह योजना किसानों की मेहनत को कम करने और उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से चलाई जा रही है. बता दें कि अब तक इस योजना के तहत 1123 किसानों के आवेदन स्वीकृत किए जा चुके हैं.
कृषि यांत्रिकीकरण योजना के तहत किसानों को 91 प्रकार के कृषि यंत्रों पर 40% से 80% तक की सब्सिडी मिल रही है. अगर आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो पूरी खबर पढ़ें-
91 तरह के यंत्रों पर 80% तक की सब्सिडी
समस्तीपुर जिले में इस योजना के अंतर्गत खुरपी, कुदाल, हंसिया, वीडर जैसे छोटे यंत्रों से लेकर ट्रैक्टर, पावर टिलर, थ्रेशर, रीपर, सीड ड्रिल, पंपसेट जैसे बड़े यंत्रों तक शामिल किए गए हैं. सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन से जुड़े यंत्रों पर विशेष रूप से 80% तक का अनुदान देने का प्रावधान किया गया है. इससे किसानों को पराली जलाने जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलेगा और मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होगा.
योजना की कुल राशि और अंतिम तिथि
अब तक इस योजना में 1799 किसानों ने आवेदन किया है, जिनमें से 1123 किसानों को मंजूरी मिल चुकी है. इस योजना के लिए कुल ₹6 करोड़ 52 लाख 42 हजार रुपये की राशि स्वीकृत की गई है.
जिन किसानों ने अभी तक आवेदन नहीं किया है, वे 31 अक्टूबर तक आवेदन कर सकते हैं.
गैर-रैयत किसान भी उठा सकते हैं लाभ
इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि गैर-रैयत किसान यानी जिनके नाम पर जमीन नहीं है, वे भी इसका लाभ उठा सकते हैं. सरकार द्वारा इन किसानों को मैनुअल यंत्र किट पर 80% की छूट दी जाएगी, जिससे वे भी आधुनिक कृषि उपकरणों का उपयोग कर सकें.
ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया
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योजना की पूरी प्रक्रिया अब डिजिटल माध्यम से की जा रही है ताकि पारदर्शिता बनी रहे.
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किसान OFMS पोर्टल (Online Farm Mechanization System) के माध्यम से आसानी से आवेदन कर सकते हैं.
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जिन किसानों को ₹20,000 से अधिक कीमत वाले यंत्रों के लिए आवेदन करना है, उन्हें भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र (LPC) या तीन वर्षों की लगान रसीद अपलोड करनी होगी.
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इस बार किसानों के चयन के लिए ऑनलाइन लॉटरी प्रणाली लागू की गई है.
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इस प्रक्रिया में अब बिचौलियों की कोई भूमिका नहीं होगी, जिससे भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी और सीधा लाभ किसानों को मिलेगा.