बिहार राज्य के छोटे और मझोले किसानों के लिए सामूहिक रूप से नलकूप (टीयुबबेल) सरकार द्वारा दी जाएगी। इसके लिए बिहार सरकार सौ प्रतिशत अनुदान देगी। इसके लिए किसानों का एक समूह बनाया जायेगा। इस समूह में उन किसानों को शामिल किया जायेगा जो प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत ड्रीप सिंचाई पद्धति का लाभ नहीं ले पाए है.
बिहार राज्य में कुल किसानों की 90 फीसदी आबादी लघु एवं सीमांत किसानों की है. कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने बताया है कि किसानों को सामूहिक जलस्रोत के लिए सामूहिक नलकूप योजना अब सरकार द्वारा दे दी गई है. इसमें पांच हेक्टेयर जमीन वाले किसानों का समूह बनाया जाएगा और उन्हें नलकूप उपलब्ध कराया जायेगा. इस समूह में आने वाले किसानो को इसके लिए ऑनलइन आवेदन करना होगा. कम से कम 5 हेक्टेयर तक का कलस्टर तैयार होने के बाद ही सामूहिक नलकूप की स्वीकृति दी जाएगी. एक कलस्टर में कम से कम आठ किसानों का होना अनिवार्य है और यही किसानों का समूह भी इसकी देख-रेख करेगा.
208 फुट गहरा होगा नलकूप
इस नलकूप की गहराई 208 फुट तक होनी चाहिए. अगर कलस्टर में सार्वजनिक जमीन नहीं मिलती है, तो किसान अपनी जमीन देंगे. उन्हें इस बात की शपथ लेनी होगी कि कम से कम सात साल तक कलस्टर के सभी किसान नलकूप से सिंचाई करेंगे. एक नलकूप की स्थापना में 2.38 लाख रुपये होंगे.
नलकूप क्या है
नलकूप शब्द स्वयं यह स्पष्ट करता है कि नल के द्वारा एक कूप का सृजन हुआ है। जब धातु के नल को जमीन में इतना धसा देते हैं कि वह जलस्तर तक पहुँच जाये तो इस प्रकार नलकूप का निर्माण होता है। नलकूपों पर मशीन-चालित पम्प लगाकर उनसे पानी निकाला जाता है और उसे पीने के काम में या सिचाई के काम में लिया जाता है।