Pradhan Mantri Krishi Sinchai Yojana: बिहार सरकार किसानों की आय वृद्धि, जल संरक्षण और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयासरत है. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (प्रति बूंद अधिक फसल - Per Drop More Crop) के अंतर्गत राज्य में सूक्ष्म सिंचाई तकनीकों जैसे ड्रिप एवं स्प्रिंकलर प्रणाली को तेजी से अपनाया जा रहा है. उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि इस योजना के माध्यम से किसानों को जल उपयोग की आधुनिक तकनीकों से जोड़ा जा रहा है ताकि वे कम पानी में अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें.
वित्तीय वर्ष 2025-26 में इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा 14066.66 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिससे अधिक-से-अधिक किसानों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य खेती में जल की बर्बादी रोकना, सिंचाई लागत घटाना और उत्पादकता को बढ़ाना है. साथ ही, यह योजना कृषि को अधिक लाभकारी, टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल बनाने की दिशा में एक ठोस पहल है.
लघु और सीमांत किसानों को मिलेगा उच्च अनुदान
उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (Pradhan Mantri Krishi Sinchai Yojana) के अंतर्गत ड्रिप सिंचाई प्रणाली को अपनाने वाले लघु एवं सीमांत किसानों को कुल लागत पर 80 प्रतिशत तथा अन्य किसानों को 70 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा. इसी प्रकार, पोर्टेबल स्प्रिंकलर प्रणाली के लिए लघु एवं सीमांत किसानों को 55 प्रतिशत तथा अन्य किसानों को 45 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है. यह आर्थिक सहायता विशेष रूप से छोटे किसानों को अत्याधुनिक सिंचाई साधनों से जोड़ने के लिए दी जा रही है, जिससे उनकी उत्पादकता में वृद्धि हो और खेती की लागत घटे.
जल स्रोत सृजन और नलकूप स्थापना पर अनुदान
PMKSY योजना के तहत किसानों को व्यक्तिगत नलकूप या समरसेबल पंप की स्थापना के लिए अधिकतम ₹40,000 तक का अनुदान दिया जाएगा. इसके अलावा, जो किसान ड्रिप सिंचाई प्रणाली को अपनाते हैं, उन्हें तालाब या कुआं निर्माण हेतु कुल लागत का 50 प्रतिशत, अधिकतम ₹75,000 तक अनुदान दिया जाएगा. इससे किसानों को अपने खेतों के पास स्थायी जल स्रोत उपलब्ध हो सकेंगे, जो सिंचाई की निरंतरता और कृषि स्थायीत्व के लिए आवश्यक है.
ट्रेनिंग एवं जागरूकता कार्यक्रम से किसानों को लाभ
योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार द्वारा विशेष प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे. इन कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों को सूक्ष्म सिंचाई तकनीकों की जानकारी दी जाएगी और उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा कि किस प्रकार आधुनिक तकनीकों के प्रयोग से 60 प्रतिशत तक जल की बचत की जा सकती है और साथ ही 25 से 35 प्रतिशत तक फसल उत्पादन में भी वृद्धि संभव है. यह प्रशिक्षण ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की क्षमता निर्माण में सहायक सिद्ध होगा.
दक्ष जल प्रबंधन और आय वृद्धि की दिशा में सरकार का प्रभावशाली प्रयास
उप मुख्यमंत्री सिन्हा ने कहा कि यह योजना केवल सिंचाई सुविधा का विस्तार भर नहीं है, बल्कि यह जल प्रबंधन में दक्षता, खेती की लागत में कमी और किसानों की आय वृद्धि की दिशा में बिहार सरकार का एक ठोस और प्रभावशाली प्रयास है. सरकार का उद्देश्य है कि राज्य के अधिक-से-अधिक किसान इस योजना से लाभान्वित हों और आधुनिक, लाभकारी एवं पर्यावरण अनुकूल कृषि पद्धतियों को अपनाएं.