पटना: किसानों और पशुपालकों के साथ-साथ अब मछुआरों को सशक्त बनाने की दिशा में बिहार सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य के डेयरी, मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग द्वारा मछुआरों के लिए खास तौर पर ‘नाव एवं जाल पैकेज वितरण योजना’ शुरू की गई है। इस योजना के तहत राज्य मत्स्यजीवी सहयोग समिति के सदस्यों और परंपरागत मछुआरों को नाव या जाल की खरीद पर निर्धारित इकाई लागत राशि का 90 प्रतिशत तक बंपर अनुदान (सब्सिडी) प्रदान किया जा रहा है।
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए इस योजना के अंतर्गत आवेदन मांगे गए हैं। इस योजना का लाभ उन परंपरागत मछुआ/मत्स्यजीवी सहयोग समिति के सदस्यों, महिला-मछुआ और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के मछुआरों को मिलेगा जो मत्स्य शिकारमाही का कार्य करते हैं। योजना के तहत एक व्यक्ति अथवा एक परिवार को 'फिशिंग उडेन बोट पैकेज', 'फिशिंग एफ.आर.पी. बोट पैकेज' और 'कॉस्ट (फेका) जाल पैकेज' अवयवों में से अधिकतम किसी एक ही अवयव का लाभ दिया जाएगा।
विभाग द्वारा तीनों अवयवों के लिए इकाई लागत निर्धारित कर दी गई है। फिशिंग उडेन बोट पैकेज के लिए इकाई लागत 1,24,400 रुपये, फिशिंग एफ.आर.पी. बोट पैकेज के लिए 1,54,400 रुपये एवं कॉस्ट (फेका) जाल पैकेज के लिए 16,700 रुपये इकाई लागत निर्धारित की गई है। इस पर 90 प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी। लाभुकों का चयन उप मत्स्य निदेशक की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाएगा।
योजना का लाभ लेने के लिए योग्य आवेदक 31 दिसंबर तक वेबसाइट https://fisheries.bihar.gov.in पर ऑनलाईन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के समय आवेदक को अपना मोबाइल नंबर, बैंक शाखा का नाम, बैंक खाता संख्या, आईएफएससी कोड, आधार कार्ड नंबर, एवं मत्स्य शिकारमाही से संबंधित कार्य करने संबंधी अनुशंसा तथा स्वहस्ताक्षरित घोषणा पत्र (यदि प्रशिक्षित हो) प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी इस योजना से मछुआरों का आर्थिक सशक्तिकरण सुनिश्चित होगा और उनकी आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। राज्य के सभी जिलों के मछुआरे इस अनुदान योजना का लाभ उठा सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए संबंधित जिला मत्स्य कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।