सचिव, कृषि विभाग, बिहार संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि यह गौरव का विषय है कि राष्ट्रीय स्तर पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा बिहार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के अन्तर्गत ‘मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता योजना’/Soil Health and Fertility Scheme के तहत सभी राज्यों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए ‘पशस्ति पत्र’ प्रदान किया गया है. इस संदर्भ में सचिव, कृषि विभाग, बिहार संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि यह गौरव का विषय है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, भारत सरकार द्वारा 25 अप्रैल, 2024 को समरसता ऑडिटोरियम, डॉ0 अम्बेडकर इन्टरनेशनल सेन्टर, नई दिल्ली में ‘मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता योजना’/Soil Health and Fertility Scheme से संबंधित आयोजित समीक्षात्मक बैठक/कार्यशाला का आयोजन किया गया था.
कृषि विभाग द्वारा शत-प्रतिशत मिट्टी नमूना संग्रहण, जाँच तथा मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण
उन्होंने कहा कि केंद्र प्रायोजित ‘मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता योजना’ वित्तीय वर्ष 2023-24 में बिहार राज्य का 2 लाख मिट्टी नमूना का संग्रहण, जाँच तथा मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसके विरूद्ध कृषि विभाग द्वारा शत-प्रतिशत मिट्टी नमूना संग्रहण, जाँच तथा मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया गया. उन्होंने आगे बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 से बिहार के किसानों को उनके व्हाट्सएप पर भी मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसमें किसान स्वयं भी फसलों एवं वांछित उत्पाद का चयन कर उसके अनुरूप उर्वरक की अनुशंसा प्राप्त कर सकते हैं. ऑनलाइन मृदा स्वास्थ्य कार्ड में 100 से अधिक फसलों का चयन का विकल्प दिया गया है. इसके अतिरिक्त मृदा स्वास्थ्य कार्ड पर क्यू॰ आर॰ कोड भी उपलब्ध कराया गया है, जिसमें मोबाइल फोन से स्कैन करते ही संबंधित कृषक तथा उनके खेत की मिट्टी की सारी सूचनाएँ प्रदर्शित होने लगती हैं.
सभी जिला स्तरीय मिट्टी जांच प्रयोगशाला ‘प्रोफिशियेन्सी टेस्ट’ में उत्तीर्ण
अग्रवाल ने कहा कि बिहार के सभी 38 जिलों में स्थापित जिला स्तरीय मिट्टी जांच प्रयोगशालाओं का एन॰ए॰बी॰एल॰ से मान्यता प्राप्त करने के क्रम में सभी मिट्टी जांच प्रयोगशालाओं के द्वारा ‘प्रोफिशियेन्सी टेस्ट’ में उत्तीर्ण प्राप्त की गई है. जमाबंदी नक्शा (कैडेस्ट्रल मैप) की तैयारी के क्रम में भी राज्य के उपलब्धि की सराहना की गई. इस योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में सहरसा, भागलपुर एवं मुजफ्फरपुर में एक-एक उर्वरक गुण नियंत्रण प्रयोगशाला की स्थापना की गई है. इसके अतिरिक्त मुंगेर जिला अंतर्गत तारापुर अनुमंडल, गया जिला अंतर्गत बोधगया तथा भागलपुर जिला अंतर्गत नवगछिया अनुमंडल में एक-एक अनुमंडल स्तरीय मिट्टी जांच प्रयोगशाला भी स्थापित किए गए हैं.
मृदा फर्टिलिटी मैप तथा फसल उपयुक्तता मैप किया जा रहा तैयार
आगे उन्होंने कहा कि मिट्टी जांच नमूनों के फलाफल के आधार पर कैडेस्ट्रेल मैप पर विभिन्न प्रकार के मिट्टी के पारा मीटर के आधार पर डिजिटलकरण मृदा फर्टिलिटी मैप तैयार किया जा रहा है. इसके साथ ही, फसल उपयुक्तता मैप तैयार किया जा रहा है. फसल उपयुक्तता मैप के उपयोग से क्षेत्र विशेष के लिए उपयुक्त फसलों का निर्धारण, फसल उत्पादन की क्षमता आदि का निर्धारण किया जायेगा.
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वित्तीय वर्ष 2024-25 में मिट्टी नमूनों की संख्या बढ़ाई
उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य के सभी पंचायतों के प्रत्येक राजस्व ग्राम से कुल 5 लाख मिट्टी नमूना संग्रहण, जाँच तथा मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सभी जिलों में कार्य तेजी से हो रहा है. साथ ही, योजना अंतर्गत राज्य के 35,000 सरकारी विद्यालयों में अंकुरण परियोजना के तहत 35,000 मिट्टी नमूना संग्रहित किया जा रहा है तथा छात्र-छात्राओं को मृदा स्वास्थ्य के संबंध में जागरूक किया जा रहा है.