बिहार सरकार ने राज्य के मछली पालकों को आत्मनिर्भर बनाने और मत्स्य उत्पादन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री जलाशय मात्स्यिकी विकास योजना 2025-26 के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस योजना का लाभ उठाने के लिए इच्छुक आवेदकों को 31 अगस्त 2025 तक पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा.
यह योजना पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के अधीन मत्स्य निदेशालय द्वारा चलाई जा रही है. योजना के अंतर्गत राज्य के जलाशयों में संचयन आधारित मत्स्य प्रग्रहण तथा केज आधारित मत्स्य पालन तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे जलाशयों की उत्पादकता और उत्पादन क्षमता में इज़ाफा हो.
योजना की खास बातें
योजना के तहत प्रति यूनिट इकाई लागत पर 60% से 80% तक अनुदान दिया जा रहा है. अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग को 80% तथा अन्य वर्गों को 60% सब्सिडी का लाभ मिलेगा.
शेष राशि लाभार्थी द्वारा स्वयं अथवा बैंक ऋण के माध्यम से वहन की जाएगी. योजना बाँका, नवादा, जमुई, सासाराम, कैमूर, मुंगेर, लखीसराय जैसे दक्षिण बिहार के जिलों में लागू की जा रही है.
दो श्रेणियों में दिया जा रहा है अनुदान
मत्स्य अंगुलिका संचयन आधारित मत्स्य प्रग्रहण मात्स्यिकी इकाई लागत: ₹0.06 लाख प्रति हेक्टेयर
पात्रता के अनुसार सब्सिडी
जलाशयों में केज का अधिष्ठापन, इकाई लागत: ₹3 लाख प्रति केज, पात्रता के अनुसार सब्सिडी
योजना की सफलता
गत तीन वर्षों में इस योजना के माध्यम से 1530 लाख रुपये का अनुदान मछली पालकों को दिया जा चुका है. इससे राज्य में मत्स्य पालकों की आय में वृद्धि हुई है और वे आत्मनिर्भर बने हैं.
आवेदन कैसे करें
ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि: 31 अगस्त 2025 वेबसाइट: fisheries.bihar.gov.in अधिक जानकारी के लिए: state.bihar.gov.in/ahd/CitizenHome.html या अपने जिले के जिला मत्स्य कार्यालय से संपर्क करें.
यह योजना राज्य के जलाशयों की बेहतरी और ग्रामीण आजीविका को सशक्त बनाने की दिशा में एक ठोस प्रयास है. योग्य मछली पालक समय पर आवेदन कर इसका लाभ अवश्य लें.