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BAIP और डेयरी ट्रांसफॉर्मेशन

बिहार सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए गेट्स फाउंडेशन (Gates Foundation) के साथ साझेदारी में दो प्रमुख परियोजनाएं— बिहार एक्वाकल्चर इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम (BAIP) और बिहार डेयरी ट्रांसफॉर्मेशन प्रोजेक्ट—की औपचारिक शुरुआत की है। इन परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य मत्स्य और डेयरी क्षेत्रों को आधुनिक, तकनीक-आधारित और जलवायु-संवेदनशील बनाना है, जिससे ग्रामीण आजीविका सुदृढ़ हो सके।

आपको बता दें कि मंगलवार को पुराना सचिवालय के सभा कक्ष में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डेयरी, मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग के मंत्री, सुरेन्द्र मेहता ने की। मुख्य सचिव, बिहार प्रत्यय अमृत और विकास आयुक्त मिहिर कुमार सिंह जैसे उच्च-अधिकारियों की उपस्थिति ने इस पहल की महत्ता को दर्शाया। सत्र का संचालन अपर मुख्य सचिव, डॉ. एन. विजयलक्ष्मी ने किया।

BAIP: मत्स्य उत्पादन में 25% वृद्धि का लक्ष्य

बिहार एक्वाकल्चर इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम (BAIP) को गेट्स फाउंडेशन के समर्थन और पैलेडियम कंसल्टिंग इंडिया प्रा. लि. द्वारा PRADAN एवं अन्य साझेदारों के सहयोग से लागू किया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत मत्स्य क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने की योजना है। मुख्य लक्ष्यों में मछली उत्पादन में 25 प्रतिशत की वृद्धि, तालाब उत्पादकता में 20 प्रतिशत का सुधार तथा उत्पादन लागत में कमी लाकर मछुआरा परिवारों की आय को दोगुना करना शामिल है।

कार्यक्रम में महिला सशक्तीकरण पर विशेष जोर दिया गया है। कार्यक्रम के तहत महिलाओं की न्यूनतम 60 प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी, जिसके माध्यम से महिला नेतृत्व वाले मत्स्य उद्यमों को प्रोत्साहन मिलेगा। तकनीकी स्तर पर, BAIP उन्नत हैचरियों का आधुनिकीकरण करेगा, हजारों तालाबों में गुणवत्तापूर्ण फिंगरलिंग स्टॉकिंग सुनिश्चित करेगा और डिजिटल एक्वाकल्चर प्लेटफॉर्म के माध्यम से किसानों को रीयल-टाइम तकनीकी सलाह और बाजार पहुंच प्रदान करेगा। किसान उत्पादक संगठन (FPO) और स्वयं सहायता समूह (SHG) भी इस पहल के केंद्र में रहेंगे।

डेयरी ट्रांसफॉर्मेशन प्रोजेक्ट: तकनीक से सशक्त होगी पशुपालन

वहीं दूसरी ओर, बिहार डेयरी ट्रांसफॉर्मेशन प्रोजेक्ट के माध्यम से पशुपालकों के लिए चारा सुरक्षा, पशु प्रजनन में सुधार, दूध की गुणवत्ता बनाए रखने और मूल्य-वर्धित डेयरी उत्पादों के विकास पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा। भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) अपने फूड एंड एग्रीकल्चर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (CII-FACE) के माध्यम से इस परियोजना के कार्यान्वयन में तकनीकी सहयोग प्रदान करेगा।

इस बात की जानकारी देते हुए बताया गया कि यह परियोजना सौर ऊर्जा आधारित हाइड्रोपोनिक चारा प्रणाली, साइलेंज (Silage) मॉडल को बढ़ावा देगी। इसके अलावा, डिजिटल कृत्रिम गर्भाधान (AI) उपकरणों का उपयोग, पशु स्वास्थ्य पर क्षमता निर्माण तथा स्वच्छ दूध उत्पादन के लिए किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा। महिला डेयरी किसानों के नेतृत्व विकास के लिए विशेष पहलें भी शामिल हैं।

गेट्स फाउंडेशन की सीनियर प्रोग्राम ऑफिसर निधि जैन और CII बिहार क्षेत्र के अध्यक्ष गौरव शाह ने इस साझेदारी को बिहार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए मील का पत्थर बताया। यह पहल न केवल सतत आय के अवसर सृजित करेगी बल्कि पोषण सुरक्षा को भी मजबूत करेगी और बिहार को आधुनिक कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में एक अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने में सहायक होगी।

English Summary: Bihar Aquaculture Improvement Program (BAIP) and Dairy Transformation Project launched in Bihar
Published on: 17 December 2025, 07:18 PM IST

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