सूबे के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने गुरुवार को विश्व मृदा दिवस के अवसर पर बामेती, पटना में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम का उद्घाटन किया. इस अवसर पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि वर्षों से हम लगातार मिट्टी का दोहन कर रहे हैं. एक तरफ सघन खेती के क्रम में हम रासायनिक खादों एवं अन्य कृषि रसायनों का अंधाधुंध प्रयोग कर रहे हैं तो दूसरी तरफ मिट्टी के स्वास्थ्य के सुधार के लिए कोई उपाय नहीं कर रहे हैं.
हमारे पूर्वज खेती करने के साथ-साथ इसका भी ख्याल रखते थे कि मिट्टी की दशा में कैसे सुधार की जाए, जिससे मिट्टी की उर्वरा-शक्ति बनी रहे. वे इसके लिए गोबर की खाद का प्रयोग, फसल अवशेष को खेत में पलटना, हरी खाद का प्रयोग, रबी फसल की कटाई के बाद खेतों की गहरी जुताई करना, फसल चक्र में दलहनी फसलों की खेती करना, खेत को एक फसल के बाद खाली छोड़ना आदि शष्य क्रियाएँ किया करते थे.
पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 5 लाख मिट्टी नमूनों की जांच का लक्ष्य निर्धारित है, जिसमें अब तक 4,17,789 मिट्टी नमूनों का संग्रहण हो चुका है तथा 2,87,672 मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को वितरित किया जा चुका है. इस अवसर पर हम सभी को यह प्रण लेना चाहिए कि सभी किसानों को इसके लिए जागरूक करेंगे कि वे अपने खेतों में संतुलित उर्वरक का प्रयोग करें, न कि अंधाधुंध उर्वरक का प्रयोग करें. यदि मिट्टी का स्वास्थ्य ठीक रहेगा, तभी हमारा स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा. पूर्वजों के द्वारा जो परम्परागत कृषि पद्धति अपनायी जाती थी, उसी प्रकार पशुपालन, हरी खाद एवं गोबर की खाद/Cow Dung Manure का प्रयोग करें, ताकि खेतों की मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहे.
पाण्डेय ने कृषि विभाग के पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रखण्ड तथा पंचायत स्तर पर आयोजित कृषि विभाग की विभिन्न कार्यक्रमों में किसानों को अपने खेतों में संतुलित उर्वरक का प्रयोग करने हेतु प्रेरित करें तथा अपने खेतों में फसल अवशेष को नहीं जलाने की भी सलाह दें. साथ ही, कृषि मंत्री ने मिट्टी संरक्षण के लिए विभागीय अधिकारियों को शपथ भी दिलाई. उन्होंने कहा कि आज समय की मांग है कि कम-से-कम लागत में फसलों का अधिक-से-अधिक गुणवत्तायुक्त पैदावार हो, जिससे किसानों की आमदनी बढ़े. हमारे प्रदेश में जिला स्तर पर 38 जिला मिट्टी जांच प्रयोगशाला एवं प्रमंडल स्तर पर 9 चलंत मिट्टी जांच प्रयोगशाला के साथ-साथ मिट्टी जांच की गुणवत्ता के नियंत्रण हेतु 3 रेफरल प्रयोगशालाएं कार्यरत हैं. मिट्टी नमूनों के संग्रहण की जवाबदेही प्रखंड में नियुक्त प्रखंड कृषि पदाधिकारी, कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकार की है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रत्येक पंचायत से 60-70 नमूने जाँच हेतु संग्रहण किया जा रहा है.
इस अवसर पर विशेष सचिव वीरेन्द्र प्रसाद यादव, कृषि निदेशक नितिन कुमार सिंह, अपर सचिव कल्पना कुमारी, संयुक्त सचिव द्वय मदन कुमार एवं मनोज कुमार, मंत्री के आप्त सचिव अमिताभ सिंह, विशेष कार्य पदाधिकारी सुनील कुमार, अपर निदेशक (शष्य)-सह-निदेशक बामेती धनंजय पति त्रिपाठी, संयुक्त निदेशक (रसायन), मिट्टी जांच प्रयोगशाला विनय कुमार पांडेय सहित अन्य पदाधिकारी/कर्मचारी तथा पटना जिला के किसान गण उपस्थित थे.