पशुधन स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से A-HELP (Accredited Agent for Health and Extension of Livestock Production) पहल के अंतर्गत कार्यरत लगभग 750 पशु सखियों के लिए एक महत्वपूर्ण रिफ्रेशर प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है। यह प्रशिक्षण 16 से 21 दिसंबर 2025 तक पटना के गांधी मैदान में आयोजित सरस मेले के दौरान सेमिनार हॉल में आयोजित किया जा रहा है।
इस उच्च-स्तरीय कार्यक्रम का उद्घाटन अपर मुख्य सचिव, डेयरी, मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग, बिहार सरकार डॉ. एन. विजयलक्ष्मी द्वारा किया गया। इस अवसर पर जीविका के सी. ई. ओ. हिमांशु शर्मा और निदेशक पशुपालन उज्जवल कुमार सिंह भी उपस्थित थे।
डॉ. एन. विजयलक्ष्मी ने प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पशु सखियां राज्य में पशुपालकों और पशु चिकित्सा सेवाओं के बीच एक सशक्त कड़ी के रूप में कार्य कर रही हैं। उन्होंने जोर दिया कि उनके माध्यम से ही ग्रामीण क्षेत्रों में पशुधन प्रबंधन, स्वास्थ्य देखभाल और सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस रिफ्रेशर प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य पशु सखियों को नवीन तकनीकों, अद्यतन प्रोटोकॉल और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सशक्त बनाना है, ताकि उनकी सेवाएं और अधिक प्रभावी एवं गुणवत्तापूर्ण हो सकें।
आपको बता दें कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में वैज्ञानिक पशुधन प्रबंधन, संतुलित पशु पोषण, टीकाकरण एवं कृमिनाशन प्रोटोकॉल, पशु प्रजनन एवं स्वास्थ्य सेवाएं जैसे महत्वपूर्ण तकनीकी विषयों पर विशेष फोकस किया जा रहा है। विशेषज्ञों द्वारा सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक दोनों स्तरों पर ज्ञान साझा किया जा रहा है, जिससे फील्ड स्तर पर सेवा वितरण को सुधारा जा सके। प्रशिक्षण में मोबाइल वेटनरी यूनिट का प्रभावी उपयोग भी सिखाया जा रहा है।
ग्रामीण आर्थिक विकास में स्वयं सहायता समूहों की भूमिका को सुदृढ़ करने के लिए, पशुपालन एवं डेयरी विभाग (DAHD), भारत सरकार और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM), ग्रामीण विकास विभाग के बीच 1 सितंबर 2021 को एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किया गया था। इसी समझौते के तहत चयनित स्वयं सहायता समूह सदस्यों को A-HELP मॉडल के माध्यम से पशुधन संसाधन कार्यकर्ता के रूप में प्रशिक्षित किया जाता है।
डेयरी, मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग तथा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (जीविका) के संयुक्त प्रयासों से पिछले तीन वर्षों में कुल 1,250 पशु सखियों को 17 दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। वर्तमान में ये पशु सखियां 12 जिलों (पटना, नवादा, नालंदा, औरंगाबाद, भोजपुर, मुजफ्फरपुर, गया, रोहतास, जमुई, सीतामढ़ी, बांका एवं पूर्वी चंपारण) में सक्रिय रूप से टीकाकरण, टैगिंग, कृत्रिम गर्भाधान में सहायता और प्राथमिक पशु स्वास्थ्य देखभाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। विभाग का कहना है कि उनकी सेवाओं की प्रभावशीलता बनाए रखने के लिए ऐसे रिफ्रेशर प्रशिक्षण कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित होते रहेंगे।