कोरोना के इस संकट में मोदी सरकार (Government of India) ने प्रवासी मजदूरों (Migrants Labours) को हाल ही में फ्री में अनाज देने का ऐलान किया है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) के अंतर्गत 2 महीने के लिए प्रवासी मजदूरों को फ्री में चावल और गेहूं दिया जाएगा. जिन प्रवासी मजदूरों का राशन कार्ड नहीं बना हुआ है, उन्हें भी प्रति व्यक्ति 5 किलो राशन और 1 किलो चना 2 महीने तक जरूर मिलेगा. सरकार का मानना है कि इससे देश के 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को फायदा होगा. हालांकि सरकार द्वारा निर्धारित उचित मूल्य दुकानों से सब्सिडी के तहत मिलने वाला राशन बड़ी संख्या में अपात्र लोगों तक पहुंच रहा था. जिस पर अब सरकार ने नकेल कसना शुरू कर दिया था. दरअसल केंद्रीय खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने बताया कि सरकार ने 3 करोड़ से ज्यादा फर्जी राशन कार्ड Rashan Card को रद्द कर दिया है. राशन कार्डों के डिजिटलीकरण और आधार सीडिंग के दौरान 3 करोड़ राशनकार्ड के फर्जी होने की जानकारी सामने आई. इसके बाद सरकार ने इन सभी राशनकार्डों को रद्द करने का फैसला लिया है.
बिना राशन कार्ड के कैसे मिलेगा फ्री अनाज ?
केंद्रीय खाद्य और आपूर्ति मंत्रालय के मुताबिक, अगर किसी के पास राशन कार्ड नहीं है तो उसे अपना आधार ले जाकर रजिस्ट्रेशन कराना पड़ेगा. इसके बाद उनको एक स्लिप मिलेगी. जिसे दिखाने पर फ्री में अनाज मिल जाएगा. इसके लिए राज्य सरकार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म भी शुरू कर सकती है. केंद्रीय खाद्य और आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने कहा कि सरकार ने राहत पैकेज के तहत से प्रवासी मजदूरों के लिए विशेष घोषणाएं की है. जिसमें NFSA लाभार्थी के अलावा10 फीसदी वैसे प्रवासी मजदूर शामिल हैं जिनके पास NFSA राशनकार्ड नहीं है. साथ ही, राज्य के राशनकार्ड में भी उनका नाम नहीं हैं. इस संबंध में मैंने खाद्य एवं उपभोक्ता मामले के सचिवों और FCI के CMD को निर्देश दे दिए हैं. अनाज वितरण का क्रियान्वयन, प्रवासी श्रमिकों की पहचान करना और उनके सूची का संधारण करना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है.लाभार्थियों की सूची बाद में 15 जुलाई तक देने का निर्देश दिया है. ऐसे प्रवासी श्रमिकों को मई एवं जून, अगले 2 माह के लिए- प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज और प्रत्येक परिवार को 1 किलो चना मुफ्त दिया जाएगा. इसकी पूरी राशि 3500 करोड़ रुपए का खर्च केन्द्र सरकार वहन कर रही है. इसके वितरण का कार्य शुरू हो गया है.
80 करोड़ के पास है राशनकार्ड
देश में इस वक्त लगभग 80 करोड़ लोगों के पास राशनकार्ड हैं. राशनकार्ड मजदूरों, दैनिक मजदूरों, कामगारों, ब्लू कॉलर श्रमिकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. ऐसे में किसी अन्य जरुरतमंद का अनाज फर्जी राशनकार्ड के जरिये किसी अन्य के द्वारा लिया जा रहा था. मुख्य तौर पर सरकार ने उन सभी राशनकार्डों को रद्द किया है जिनकी आधार से सीडिंग नहीं हो रही थी. इसे देखते हुए सरकार ने राशनकार्ड रद्द करने का बड़ा कदम उठाया.