राज्य सरकार गन्ना किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए गन्ना क्षेत्र में एक नई शुरुआत करने जा रही है. दरअसल यूपी की योगी सरकार (Yogi Government) की योजना बहुत जल्द गन्ना जूस का टेट्रा पैक लांच करने की है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के निर्देश पर गन्ना विकास विभाग ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है. बता दे कि उत्तर प्रदेश में 40 लाख पंजीकृत किसानों वाले गन्ना विभाग के कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा गन्ने को सीधे बाजार से जोडऩे के प्रयासों में जुटे हैं ताकि गन्ना किसानों को अच्छा आमदनी हो और उनकी आय में वृद्धि हो.
उम्मीद की जा रही है कि अगले 2 से 3 महीने में यूपी में गन्ने के जूस का टेट्रा पैक लांच कर दिया जाएगा. दरअसल, सत्ता में आने के बाद से ही योगी सरकार गन्ना किसानों का बकाया भुगतान करने को लेकर खासी गंभीर नजर आ रही है और इसी के चलते चीनी मिलों को आर्थिक मद्द देने के लिए सरकार ने कम ब्याज दरों पर सॉफ्ट लोन देने का शासनादेश भी पहले ही जारी कर दिया है.बता दे कि गन्ना किसानों के समय पर भुगतान करने का मुख्यमंत्री जी का फोकस है. पहले किसान का 5 साल भुगतान नहीं होता था आज 15-20 दिन, एक महीने में भुगतान हो रहा है. आज 80 से ज्यादा मिलों का शतप्रतिशत भुगतान हो चुका है.
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद लगभग 76 हजार करोड़ रुपए का भुगतान गन्ना किसानों को हुआ है जो आजादी के बाद किसी भी राज्य का सबसे बड़ा भुगतान है. यह देश के कई राज्यों का कुल बजट नहीं है. यूपी में वर्ष 2014-15 में गन्ने की पेराई 74 करोड़ कुंतल थी जो वर्ष 2015-16 आते-आते वह 64 करोड़ कुंतल रह गई थी. गन्ना की पेराई आज बढक़र 111 करोड़ कुंतल हो गई है. प्रदेश में 66 टन प्रति हेक्टेयर गन्ने के उत्पादन का औसत था आज यह बढक़र 80 टन हो गया है. आजादी के बाद पहली बाद किसी सरकार ने गन्ना किसानों की ढुलाई का किराया कम किया है. पहले गन्ना किसान 8.75 रुपए प्रति कुंतल ढुलाई का किराया देता था अब सरकार ने इसे 42 पैसे प्रति कुंतल प्रति किलोमीटर कर दिया है.
गौरतलब है कि गोरखपुर की पिपराइच उत्तर भारत की पहली चीनी मिल बनेगी जो गन्ने के जूस से सीधे एथनॉल बनाने का काम करेगी. इससे चीनी के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्या है इससे गन्ना किसानों को कोई फर्क नहीं पड़ेगा. एथनॉल के उत्पादन से देश की पेट्रो पदार्थों पर निर्भरता कम होगी.