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Updated on: 9 January, 2019 3:23 PM IST

किसानों को कर्ज से राहत देने के लिए चुनावी वादे के मुताबिक कांग्रेस पार्टी के द्वारा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सरकार बनते ही कर्जमाफी योजना को लाया गया है. लेकिन इस योजना में फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है. दरअसल मीडिया में आई खबरों के मुताबिक राजस्थान सरकार की कर्ज माफी योजना का लाभ लेने के चक्कर में सरकारी अधिकारियों ने किसानों के नाम पर अपने रिश्तेदारों को लोन दिलवा दिया है. वहीं कर्ज माफी की सूची में कई ऐसे नाम भी शामिल कर लिए गए है जिन्होंने कर्ज लिया ही नहीं है और वे आर्थिक रूप से धनी है. खबरों के मुताबिक उन्हे अधिकारियों ने माफ होने वाली रकम में से हिस्सा देने का लालच दिया.

इस फर्जीवाड़ा का खुलासा तब हुआ जब कर्ज माफी योजना की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए सहकारी विभाग की टीम गांवों में जांच करने पहुंची. यहां टीम की जानकारी में आया कि कर्ज माफी की सूची में जिन किसानों का नाम आया है. उन किसानों में से कुछ ऐसे किसान है जिन्होंने कभी बैंकों से लोन लिया ही नहीं. इस मामला का खुलासा होने के बाद सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को जांच करने के निर्देश दिए है. तो वहीं सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार ने प्रारम्भिक जांच के बाद स्थानीय स्तर के आधा दर्जन अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है.

इन जिलों में हुआ घोटाला

खबरों के मुताबिक, सहकारी बैंकों,ग्राम सेवा सहकारी समितियों और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों के नाम पर लोन उठाकर अपने रिश्तेदारों को दिलवा दिया. घोटाले का सबसे पहले खुलासा आदिवासी जिले डूंगरपुर में हुआ और फिर उसके बाद प्रतापगढ़, टोंक, भरतपुर और चूरू जिलों में कुछ इसी तरह के मामले सामने आए. डूंगरपुर के गामड़ा मल्टीपरपज को-ऑपपरेटिव सोसायटी के व्यवस्थापक ने 263 किसानों को आधार कार्ड नहीं होने के कारण लोन नहीं दिया और उनके स्थान पर अन्य लोगों को एक करोड़ 44 लाख रूपए का लोन दे दिया.

इसी तरह जेठाणी और गोवाड़ी की सोसायटी में भी 110 किसानों के नाम पर दूसरे लोगों को 70 करोड़ रूपए का लोन दे दिया गया. डूंगरपुर के ही सागवाड़ा में सहकारी समिति के व्यवस्थापक ने अपनी बेटी और भांजे को लोन दे दिया. भरतपुर जिले के धीमरी,लुहेसर सहित कई गांवों में कॉ-ऑपरेटिव बैंकों के मैनेजरों ने किसानों के दस्तावेजों में बदलाव कर अपने जानने वालों को लोन दे दिया. चूरू जिले के दस गांवों से भी इसी तरह का मामला सामने आया है.

English Summary: Big forgery in debt waiver scheme
Published on: 09 January 2019, 03:24 PM IST

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