साल 2019 में होने वाले आम चुनाव में किसानों का मुद्दा सबसे भारी पड़ने वाला है क्योंकि पिछले कुछ दिनों से किसान समुदाय सरकार से नाराज चल रहा है. इस नाराजगी का सबक अभी हुए पांच राज्यों के चुनाव में किसानो ने दिखा भी दिया है. अब कयास लगाए जा रहे हैं कि मोदी सरकार किसानों को खुश करने के लिए 1 फरवरी को आने वाले बजट में एक मेगा पैकेज का एलान कर सकती है. जिसके तहत सभी किसानों के खाते में 7,500 रूपये भेजे जाएंगे.
सरकार की यह पूरी कोशिश रहेगी कि इसका लाभ किसानों को चुनाव से पहले ही दे दिया जाय. इस योजना के तहत जिन किसानों को लाभ दिया जाना है उनकी सूची भी तैयार हो चुकी है. इस योजना में लाभान्वित होने वाले किसानों के आधार को उनका क्रेडिट कार्ड माना गया है. इस समय अगर किसान क्रेडिट कार्ड की बात करें तो देश में लगभग 3 करोड़ लोगों के पास ये कार्ड है लेकिन इतनी बड़ी संख्या में किसानों को पैसा नहीं दिया जाएगा.
बता दें कि इस योजना का लाभ वे किसान नहीं उठा पाएंगे जो आयकर भरते हैं. फिलहाल ऐसी संभावना जताई जा रही है कि योजना को धरातल पर उतारने के लिए इस नियम में कुछ अहम बदलाव भी किये जाएंगे. इससे पहले भी सरकार ने ऐसी ही कुछ योजनाओं को धरातल पर लाने की कोशिश की थी लेकिन सबकी सहमति न मिलने के कारण इस योजना को मूर्त रूप नहीं दिया जा सका था. इसमें सबसे बड़ा पेंच तो यह था कि अगर सरकार जमीन के आधार पर इसका लाभ देती है तो कुछ किसान इसके लाभ से वंचित रह जाएंगे क्योकि सभी किसानों के पास जमीन नहीं होती है वे बटाई पर भी खेती करते हैं.
हाल ही में नीति आयोग ने कहा था कि किसानों के खाते में सालाना 15 हजार रूपये भेज दिए जाएं जो किसानों के लिए दो फसल यानी सालाना बुवाई के लिए उपयुक्त है. अब सरकार इसी तर्ज पर किसानों को 7,500 रूपए दिए जाएंगे, लेकिन ऐसा करने से सरकार पर 50 हजार करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. बहरहाल, सरकार ने इस योजना को झारखंड में लागू कर दिया है.