बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (BASU) और बिहार पोल्ट्री फार्मर्स एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को राष्ट्रीय चिकन दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। यह आयोजन भारतीय पोल्ट्री सेक्टर के जनक पद्मश्री डॉ. बी. वी. राव की स्मृति को समर्पित था। कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के निदेशक शोध डॉ. एन. के. सिंह, संजय गांधी गव्य प्रौद्योगिकी संस्थान के अधिष्ठाता डॉ. उमेश सिंह, अधिष्ठाता स्नातकोत्तर शिक्षा डॉ. पंकज कुमार सिंह और एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ. पवन कुमार द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य पोल्ट्री उद्योग के समक्ष चुनौतियों और संभावनाओं पर विचार-विमर्श करना था।
कार्यक्रम में बोलते हुए डॉ. एन. के. सिंह ने जोर दिया कि पोल्ट्री सेक्टर के विकास के लिए इसके माइक्रो इकोनॉमिक्स पर काम करने, नीतियों पर अध्ययन कर उन्हें धरातल पर उतारने, तथा हाइजीन और लागत नियंत्रण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि चिकन मानव शरीर में प्रोटीन की कमी दूर करने का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जो कुपोषण से लड़ने में सहायक सिद्ध होता है।
डॉ. उमेश सिंह ने जानकारी दी कि मीट की कुल मांग की पूर्ति में चिकन की भूमिका सबसे अधिक है क्योंकि यह अपेक्षाकृत सस्ता, सुपाच्य और आसानी से उपलब्ध होता है। "पोल्ट्री एक ऐसा क्षेत्र है जो पोषण सुरक्षा के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा भी प्रदान करता है," एक विशेषज्ञ ने इस उद्योग की दोहरी भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा। इस दौरान डॉ. पंकज कुमार सिंह ने पोल्ट्री उद्योग की बायो-सिक्योरिटी पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया।
बिहार पोल्ट्री फार्मर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. पवन कुमार ने कहा कि चिकन आज मानव भोजन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। उन्होंने बिहार सरकार की लेयर फार्म एवं ब्रीडिंग फार्म के लिए सब्सिडी और पोल्ट्री फार्म/हैचरी को कृषि दर पर बिजली उपलब्ध कराने जैसी योजनाओं की सराहना की, जिसने इस उद्योग को काफी गति दी है। हालांकि, उन्होंने फीड टेक्नोलॉजी पर काम कर लागत कम करने और सस्ते विकल्प विकसित करने की बात कही, ताकि चिकन और उससे बने उत्पाद कम कीमत पर उपभोक्ताओं को उपलब्ध हो सकें।
इस अवसर पर बिहार पशु चिकित्सा महाविद्यालय के पशुधन उत्पाद तकनीकी विभाग ने अपना चालीसवां स्थापना दिवस भी केक काटकर मनाया। विभाग की ओर से चिकन के कई व्यंजन तैयार कर प्रतिभागियों को परोसे गए और उनका संवेदी मूल्यांकन कराया गया। वेटरनरी पब्लिक हेल्थ विभाग की प्रोफेसर डॉ. सिउली शाहा रॉय ने पोल्ट्री हाइजीन पर तथा पोल्ट्री रिसर्च एवं ट्रेनिंग सेंटर के हेड डॉ. कौशलेन्द्र ने पोल्ट्री प्रबंधन पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पोल्ट्री किसान, उद्यमी, वैज्ञानिक और विश्वविद्यालय के अन्य सदस्य उपस्थित रहे, जिससे सेक्टर के विकास पर व्यापक संवाद स्थापित हुआ।