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Updated on: 15 April, 2025 5:08 PM IST
गौरांवित हुआ बस्तर – कोसलपुत्री के मंच पर दमक उठी बस्तर की बिटिया अपूर्वा त्रिपाठी

जय जोहार साहित्य एवं संस्कृति संस्थान एवं वैभव प्रकाशन, रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में आज छत्तीसगढ़ की नारी-शक्ति पर केंद्रित बहुप्रतीक्षित पुस्तक ‘कोसलपुत्री’ के द्वितीय खंड सहित चार अन्य पुस्तकों का भव्य विमोचन हुआ. इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रदेश की 108 विशिष्ट महिला नेत्रियों को सम्मानित किया गया, जिनमें बस्तर की गौरवशाली बेटी और युवा आइकॉन अपूर्वा त्रिपाठी को उनके अद्वितीय कार्यों के लिए विशेष सम्मान प्रदान किया गया.

समारोह की मुख्य अतिथि प्रख्यात समाजसेवी कौशल्या साय ने कहा कि “महिलाओं को अपनी सुरक्षा, स्वाभिमान और स्वतंत्रता के लिए स्वयं सजग रहना होगा. आज छत्तीसगढ़ की महिलाएं जीवन के हर क्षेत्र में अपनी पहचान स्थापित कर रही हैं. घर-परिवार के साथ ही राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में उनकी सक्रियता सराहनीय है.” उन्होंने अपने कई प्रेरक संस्मरण भी साझा किए.

समारोह की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी के अध्यक्ष शशांक शर्मा ने की. उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ साहित्य की दृष्टि से अत्यंत उर्वरा भूमि है. ‘कोसलपुत्री’ जैसी पुस्तकें गहन शोध के पश्चात तैयार की जाती हैं, जो केवल साहित्य नहीं, प्रमाणिक इतिहास की तरह भी मूल्यवान हैं.”

कौन हैं अपूर्वा त्रिपाठी और क्यों मिला उन्हें देश का सर्वोच्च कृषि नवाचार सम्मान?

देश के सबसे पिछड़े आदिवासी क्षेत्र कहे जाने वाले बस्तर की कोंडागांव निवासी अपूर्वा त्रिपाठी आज भारत में महिला नेतृत्व और कृषि नवाचार की प्रतीक बनकर उभरी हैं. देश के शीर्ष संस्थानों से बौद्धिक संपदा कानून और बिजनेस कानून में बीए-एलएलबी तथा डबल एलएलएम की डिग्रियां प्राप्त करने के बाद भी अपूर्वा ने कॉर्पोरेट जीवन की जगह बस्तर की धरती को चुना और वहां की जनजातीय महिलाओं के साथ पारंपरिक कृषि एवं चिकित्सा पद्धतियों पर काम शुरू किया.

वर्तमान में वे बस्तर में ही जनजातीय जीवनशैली और स्वास्थ्य पर पीएचडी कर रही हैं. अपूर्वा आज बस्तर की मिट्टी से उगती वह किरण हैं, जो देशभर की महिलाओं को आत्मनिर्भरता और नवाचार की प्रेरणा दे रही हैं. यही कारण है कि उन्हें देश का "वुमन एग्री-इनोवेटर ऑफ द ईयर अवार्ड - 2025" सहित कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुए हैं.

"डबल एलएलएम धारक अपूर्वा त्रिपाठी बनीं बस्तर की आवाज – 'कोसलपुत्री' विमोचन समारोह में मिला राष्ट्रीय सम्मान"

इस गरिमामय आयोजन में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से आई लेखिकाओं की गरिमामयी उपस्थिति रही. कोंडागांव की प्रसिद्ध लेखिका और कवयित्री डॉ. रश्मि विपिन अग्निहोत्री को उनके आलेख ‘बस्तर बाला: युवा आइकॉन अपूर्वा त्रिपाठी’ हेतु कोसलपुत्री रचनाकार सम्मान प्रदान किया गया. डॉ. रश्मि अब तक 38 साझा संकलनों की लेखिका रह चुकी हैं. उनकी प्रमुख रचनाओं में काव्य रश्मि, कभी हँसता कभी सुलगता बस्तर, और मुस्कुराता पतझड़ शामिल हैं.

विमोचन समारोह में पद्मश्री शमशाद बेगम, उषा बारले तथा बस्तर बाला अपूर्वा त्रिपाठी सहित कुल 108 महिला प्रतिभाओं को मंच पर सम्मानित किया गया जिन्होंने विविध क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय पटल पर गौरवान्वित किया है. विशिष्ट अतिथि छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग की सचिव अभिलाषा बेहार ने लेखिकाओं को आत्मनिर्भर बनने हेतु प्रेरित किया. विशिष्ट अतिथि डॉ. रश्मि लता मिश्रा ने साहित्य और संगीत के समन्वय पर बल दिया. समारोह की शुरुआत में संयोजक डॉ. सीमा निगम और डॉ. सुधीर शर्मा ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया. डॉ. रमेंद्र नाथ मिश्र और डॉ. महेंद्र ठाकुर की उपस्थिति में द्वितीय सत्र संपन्न हुआ. संचालन शुभ्रा ठाकुर, डॉ. सीमा अवस्थी और सुमन बाजपेयी ने संयुक्त रूप से किया.

 

संस्था की अध्यक्ष डॉ. सीमा निगम ने जानकारी दी कि “छत्तीसगढ़ में इस प्रकार का आयोजन पहली बार हुआ है, जिसमें राज्य की विशिष्ट महिला प्रतिभाओं पर केंद्रित ‘कोसलपुत्री’ नामक आलेख संग्रह दो भागों में प्रकाशित किया गया है. इसे छत्तीसगढ़ की महिला रचनाकारों ने गहन शोध कर तैयार किया है. साहित्यिक जगत को आशा है कि यह संग्रह भविष्य में पाठ्यक्रम में शामिल कर व्यापक लाभ प्रदान करेगा.”

English Summary: Bastar daughter Apoorva Tripathi received the country highest agricultural innovation award 2025
Published on: 15 April 2025, 05:13 PM IST

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